राजनैतिक शुचिता के सितारे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शंकर बाबूजी का निधन

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आज सोमवार की सुबह सोन तट पर अनूपपुर में होगा अंतिम संस्कार

अनूपपुर / अनूपपुर के समाजसेवी नागरिक, संयुक्त शहडोल जिले के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता , लेखक,चिंतक,विचारक पं शंकर बाबू शर्माजी का रविवार की सुबह आकस्मिक दुखद निधन हो गया। वो 92 वर्ष के थे और कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे।  श्री प्रमोद शर्मा ( राजेन्द्रग्राम)  एवं श्री विनोद शर्मा, (शंकर मेडिकल,अनूपपुर ) के पिता श्री हैं । उनकी अंतिम संस्कार यात्रा आज सोमवार की प्रात: 10 बजे निज निवास , वार्ड क्रमांक 9 , अनूपपुर से सोन तट के लिये प्रारंभ होगी। 
श्री शर्मा कांग्रेस की राजनीति में शंकर बाबू के नाम से विख्यात रहे हैं। जब केन्द्र और मध्यप्रदेश में कांग्रेस का एक छत्र राज्य था तो शहडोल संसदीय क्षेत्र में शंकर बाबू के नाम की तूती बोलती थी। अनूपपुर के विकास में उनका योगदान किसी मंत्री, सांसद, विधायक से कम नहीं रहा। उनके निधन के साथ ही क्षेत्र की राजनीति से सादगी, सदाचार शुचिता की राजनीति का भी अंत हो गया।

1932 में जन्मे शंकर बाबू का जीवन समाज, राष्ट्र, विचारधारा, आध्यात्म और संस्कारों के लिये समर्पित रहा। वे वर्ष 1965 से 1970 तक अनूपपुर के सरपंच, 1977 मे अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी, वर्ष 2003 मे नगर परिषद अनूपपुर के कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार थे।संयुक्त शहडोल जिला के अग्रणी कांग्रेस नेता के रूप में उनकी ख्याति थी।।जिला सहकारी बैंक शहडोल के डायरेक्टर, महाराष्ट्र बैंक के डायरेक्टर जैसे महत्वपूर्ण पदों पर वे रह चुके थे।
वे चिंतक विचारक और एक अच्छे लेखक भी थे‌।
जिला गठन के पूर्व आंखों के मरीजों के लिए बापू नवज्योति शिविर का आयोजन विगत कई वर्षों तक किया। जिसके शंकर बाबू जी सचिव थे। हजारों आंखों के रोगियों को इस शिविर का लाभ मिला।
शंकर प्रसाद शर्मा जी के निधन से उपजी रिक्तता को आज कॆ परिदृश्य में हाल फिलहाल नहीं भरा जा सकता। 
स्व दलवीर सिंह,स्व राम किशोर शुक्ला, स्व कृष्णपाल सिंह की पीढी के एक और राजनीतिक - सामाजिक- आध्यात्मिक सितारे के अस्त होने का दुख सभी को वर्षो - वर्ष बना रहेगा।