50 फीसदी से ज्यादा पोलिंग बूथ पर होगी वेबकास्टिंग, बुजुर्ग कर सकेंगे घर से मतदान

50 फीसदी से ज्यादा पोलिंग बूथ पर होगी वेबकास्टिंग

 | 
5

Photo by google

50 फीसदी से ज्यादा पोलिंग बूथ पर होगी वेबकास्टिंग, बुजुर्ग कर सकेंगे घर से मतदान

भोपाल।मध्यप्रदेश में सौ वर्ष से ऊपर के 6180 मतदाता हैं, 80 वर्ष से ज्यादा की उम्र के 712492 हैं और सीनियर सिटीजन से अधिक से अधिक वोटिंग के लिए घर-घर वोटिंग कराने की भी व्यवस्था की गई है।

इस बार पूरे मध्यप्रदेश के 5.52 करोड़ वोटर सरकार चुनेंगे। 18.86 लाख नए वोटर पहली बार मताधिकार का प्रयोग करेंगे।

यह जानकारी भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस में चुनाव की तैयारियों की जानकारी मीडिया को दी। राष्ट्रीय निर्वाचन आयोग तीन दिवसीय भोपाल दौर पर 4 सितंबर से आया हुआ था।

आज बुधवार 6 सितंबर को श्री राजीव कुमार ने बताया कि चुनाव की तैयारियों की समीक्षा पूरी हो गई है। उन्होंने बताया कि मतदान के लिए जो व्यवस्था हमने की है उसके तहत एक परिवार के सभी सदस्यों का मतदान एक ही पोलिंग बूथ पर हो सकेगा।

संवेदनशील केंद्रों पर पैरामिलिट्री बलों को तैनात किया जाएगा। जो पहले आएगा, वो पहले वोट डाल पाएगा। धन-बल और बाहुबल पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा।

उन्होंने बताया कि चुनाव शांतिपूर्वक हों इसके लिए 223 पुलिस चेक पोस्ट, 38 ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट चेकपोस्ट और 54 फारेस्ट चेक पोस्ट तय किए गए हैं।

 50 फीसदी से ज्यादा पोलिंग बूथों पर वेबकास्टिंग की जाएगी। घर से पोलिंग बूथ की दूरी दो किलोमीटर से अधिक नहीं की जाएगी।

दिव्यांग और बुजुर्गों के लिए घर पर मतदान की भी व्यवस्था की जा रही है। यदि पहले से फार्म भरेंगे तो हमारी टीम घर जाकर मतदान कर करवा सकेंगे। उसकी गोपनीयता रहे, इसके लिए वीडियो ग्राफी की जाएगी और वहां स्पेशल कंपार्टमेंट बनाकर वोटिंग कराई जा सकेगी।

निर्वाचन आयोग ने इस बार सक्षम एप भी लांच किया है। किसी को स्लाट बुक करना हो, व्हील चेयर बुक करना है तो उसके लिए वोटिंग स्थल पर व्यवस्था की जा सकेगी।

एक फोन नंबर से कोई टेक्स भेज दे या फोटो भेज दे। हमें अपने आप उनकी लोकेशन पहुंच जाएगी। कुछ ही समय में हमारी टीम वहां पहुंच जाएगी। इसका प्रयोग कुछ राज्यों में बहुत अच्छा हुआ, कुछ राज्यों में कम हुआ।

कहीं कोई प्रलोभन, फ्री बंटने की सूचना, मनी, ड्रग या शराब बांटने की सूचना है तो उसकी जानकारी भी दे पाएंगे, इसके बाद 100 मिनट में हमारी टीम एक्शन ले लेगी।

यदि किसी वोटर को अपना नाम जांचना है, चुनाव परिणाम देखना है तो यह एपिक भी डाउनलोड कर सकते हैं। इसमें आनलाइन आवेदन भी किया जा सकता है। पोलिंग बूथ की जानकारी, अपने क्षेत्र के बीएलओ या इआरओ से संपर्क किया जा सकता है।

चुनाव परिणाम भी इसी पर देखा जा सकता है। साथ ही ईवीएम के उपयोग की जानकारी हासिल की जा सकती है। इसके लिए e-EPIC डाउनलोड किया जा सकता है।

कोई भी सुविधा पालीटिकल पार्टी लेना चाहती है, पब्लिक मीटिंग करना चाहती है तो उसका आवेदन जो इस पोर्टल पर सबसे पहले करेगी, उसे परमिशन मिलेगी। इसमें किसी भी प्रकार का कोई चर्चा की गुंजाइश नहीं रहेगी।

किसी भी आपराधिक प्रवृत्ति का उम्मीदवार है, उनकी संपत्ति की जानकारी भी इस एप्लीकेशन पर शामिल है। यदि किसी आपराधिक केस वाले उम्मीदवार को तीन बार प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में एड देना होगा।

पालीटिकल पार्टी को भी बताना होगा कि हम आपराधिक केस वाले उम्मीदवार को खड़ा कर रहे हैं और क्यों कर रहे हैं। केश जो भी इधर से उधर ले जाया जाता है, वो निर्धारित समय पांच बजे के बाद इधर से उधर न करें।

सभी कलेक्टर्स और जिले के बड़े अधिकारियों को सोशल मीडिया पर नजर रखेंगे। सोशल मीडिया के दुरुपयोग या भड़काऊ पोस्ट पर कार्रवाई करेंगे, उन्होंने कहा हम लोग निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने के लिए तैयार हैं।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि एक राष्ट्र, एक चुनाव के संदर्भ मेंभारत निर्वाचन आयोग संवैधानिक प्रावधानों और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार चुनाव कराने के लिए तैयार है।

श्री कुमार और आयोग के अन्य शीर्ष अधिकारी भाजपा शासित मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर राजनीतिक दलों, प्रशासन और विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियों के साथ तीन दिवसीय समीक्षा बैठक करने के लिए भोपाल में 4 से 6 सितंबर तक के दौरे पर आये हुए हैं।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन पांच अक्टूबर को किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में करीब 5.52 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें से 2.67 करोड़ महिलाएं हैं।

‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर पूछे गये एक सवाल के जवाब में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि आयोग को संवैधानिक प्रावधानों और जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत समय से पहले चुनाव कराना होता है।

श्री कुमार ने कहा कि संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक पांच साल में चुनाव कराए जाएं।

प्रावधानों के अनुसार, आयोग निर्धारित पांच साल का समय समाप्त होने से छह महीने पहले आम चुनावों की घोषणा कर सकता है। विधानसभा चुनावों के लिए भी मानदंड समान हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार चुनाव कराने के लिए तैयार है।’’

केन्द्र सरकार ने लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगरपालिकाओं और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे पर गौर करने और जल्द से जल्द सिफारिशें देने के लिए शनिवार को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति के गठन की अधिसूचना जारी की थी।malhaarmedia