हद दर्जे का स्वार्थी, निष्प्रभावी,अयोग्य,निकम्मा, निस्तेज,कायर और अविश्वसनीय विपक्ष हमारे देश में एवं विश्व के किसी भी देश में न कभी था ,न है और न भविष्य में होगा…

शीतला शंकर विजय मिश्र -
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हद दर्जे का स्वार्थी, निष्प्रभावी,अयोग्य,निकम्मा,निस्तेज,कायर और अविश्वसनीय विपक्ष हमारे देश में एवं विश्व के किसी भी देश में न कभी था ,न है और न भविष्य में होगा…

दिल्ली। भारतीय लोकतंत्र मे विपक्ष भारत की सभ्यता, संस्कृति, संस्कार, धार्मिकता और समाज की जड़ों से पूरी तरह कट गया है,पूरे विपक्ष में न तो नैतिकता है न ही बुद्धिमत्ता, बौद्धिकता न ही नेतृत्व करने का साहस है और न ही आम जनता  के लिये सड़क पर उतर कर संघर्ष करने का जोश- खरोश,जुनून,न ही लाठी खाने की सहनशक्ति और न ही जेल जाने का माद्दा ही है।

आज देश में विपक्ष की स्थिति यह हो गयी है कि न वह हिंदू का रहा न ही मुस्लिमों का न ही जातियों, सम्प्रदायों का रहा और न ही धर्म और संविधान का न ही वह किसानों,मजदूरों का रहा और न ही युवाओं बेरोज़गारों और बुजुर्गो का न ही गरीबों का रहा ,न ही अमीरों का रहा,न तो इस किंकर्तव्य विमूढ़ मौजूदा विपक्ष पर भरोसा किया जा सकता है न ही विश्वास और कोढ़ में खाज़ यह है कि सम्पूर्ण विपक्ष की कोख से कोई संघर्ष शील,कद्दावर, कर्तव्य निष्ठ,ईमानदार, जनता के प्रति जवाव देह विश्वसनीय विपक्ष पैदा होने की संभावना दूर दूर तक नहीं  दिखाई देता है क्योंकि सम्पूर्ण विपक्ष सत्ता लोलुप स्वार्थी, नपुंसक है ऐसे में सशक्त विपक्ष के आभाव में देश में प्रजातंत्र कैसे सुरक्षित रहेगा ?

जयहिंद जयपंचायती राज
शीतला शंकर विजय मिश्र
(लोक तंत्र रक्षक सेनानी)