देश की सबसे बड़ी रेड: बकरी बेचने वाले के बेटे के घर पड़ा छापा तो मिली 163 करोड़ नकदी, 100 किलो सोना

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देश की सबसे बड़ी रेड: बकरी बेचने वाले के बेटे के घर पड़ा छापा तो मिली 163 करोड़ नकदी, 100 किलो सोना

कहते हैं समय बदलते देर नहीं लगती। कब कौन राजा से गरीब हो जाए और कौन गरीब से अमीर हो जाए कोई नहीं जानता। एक ऐसी ही सख्सियत हैं नागराजन सेय्यादुरई। इनके पिता कभी गांव में बकरी पालन करते थे। उस बकरी को कसाईयों को बेचकर जो पैसा आता था, उसी से घर चलता था। लेकिन जब इनकम टैक्स विभाग ने नागराजन के ठिकानों पर छापेमारी की तो वहां से 163 करोड़ रूपये कैश और 100 किलो सोना बरामद हुआ। इतनी बरामदगी देखकर खुद इनकम टैक्स के अधिकारी भी हैरान रह गए।

कौन गरीब से अमीर हो जाए कोई नहीं जानता

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, नागराजन सेय्यादुरई के पिता का नाम सेय्यादुरई था। वे तमिलनाडू के विरूधुनगर जिले के अरूप्पुकोटाई के रहने वाले थे, जहां वे बकरी पालन किया करते थे। इसके बाद वे राज्य के राजमार्ग विभाग में ठेकेदारी करने लगे। यहां सुगन्या रामकृष्णन और सुंदरराज रेड्डियार नामक दो व्यक्तियों के साथ कल्लाकुरिची में एक कताई मिल की स्थापना की और अच्छा पैसा कमाया। बाद में सुंदरराज इन दोनों से अलग हो गए। कुछ समय बाद सुगन्या भी सेय्यादुरई से अलग हो गए। इसके बाद सेय्यादुरई ने अकेले ही दो सड़क परियोनाओं की ठेकेदारी ली। इस दौरान नागराजन भी इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद अपने पिता के कारोबार से जुड़ गए। सेय्यादुरई की एक स्थानीय माफिया पोट्टू सुरेश से बढि़या संबंध थे, जिसके मार्फत डीएमके के कद्दावर नेता अड़ागिरी से नजदीकी बढ़ गई। इस तरह से डीएमके की सरकार में भी सेय्यादुरई को काम नए काम मिलने लगे।

छापेमारी की तो वहां से 163 करोड़ रूपये कैश और 100 किलो सोना बरामद पोट्टू सुरेश के निधन के बाद सेय्यादुरई ने एआईएडीएमके नेताओं से करीबी बनाई। इस दौरान नागराजन ने कारोबार संभाल लिया। उन्होंने सत्ताधारी पार्टी के नेताओं से करीबी संबंध बनाए। राज्य के एक बड़े मंत्री के बेटे से नजदीकियां बढ़ाई और उनका कारोबार तेजी से बढ़ने लगा। राज्य के सचिवालय में अक्सर आना-जाना शुरू हो गया और राजनीतिक गलियारों में पैठ बन गई। वर्तमान में नागराजन एसपीके स्पिनर्स प्राइवेट लिमिटेड, श्रीबालाजी टोलवेज और एसपीकेएंडको एक्सप्रेसवे तीन कंपिनयों में डॉयरेक्टर हैं। एसपीके समूह को पिछे साल अरबों के टेंडर मिले। इसके बाद डीएमके ने इन ठेकों में भ्रष्टाचार की शिकायत सर्तकता और भ्रष्टाचार रोधी निदेशालय में की थी। इसके बाद नागराजन यहां छापा पड़ा। छापे के बाद आयकर विभाग ने बताया कि नागराजन के घर में सिर्फ 24 लाख नकदी मिली, लेकिन उसने 10 अलग-अलग ठिकानों पर अपने कर्मचारियों व सहयोगियों के यहां करोड़ों की नकदी और सोना छुपाए थे। अपने एक दोस्त के घर दो बीएमडब्यू कारें रख दी थी। इस तरह सभी ठिकानों पर छापे के दौरान कुल 163 करोड़ कैश और 100 किलो सोना बरामद किया गया था। विभाग ने कई कम्प्यूटर, हार्डवेयर, दस्तावेज भी बरामद किए हैं।vrsamachar.