डा०अंबेडकर की 4 बहने थीं, 3 बहनों का विवाह मराठा ब्राह्मण एवं 1बहन का मराठा क्षत्रिय से विवाह हुआ था ….

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डा०अंबेडकर की 4 बहने थीं, 3 बहनों का विवाह मराठा ब्राह्मण एवं 1बहन का मराठा क्षत्रिय से विवाह हुआ था ….
दिल्ली। विगत दिवस कुछ मित्रों ने दूरभाष पर बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की बहनों के संबंध में जानकारी माँगी थी उसी क्रम में बहनों के संबंध में जानकारी दे रहा हूँ।
1- मंजुलाबाई सकपाल
2- रामाबाई सकपाल
3- तुलसाबाई सकपाल
4- गंगाबाई सकपाल
अंबेडकर जी की अविवाहित बहनों के उपरोक्त नाम हैं ।
अंबेडकर जी की बहनों के विवाह के समय बाल विवाह प्रचलन में था। अंबेडकर जी का पहला विवाह 15 वर्ष की आयु में हुआ था। अंबेडकर जी की शादी के बहुत पहले उनकी उपरोक्त वर्णित बड़ी बहनों का विवाह हो चुका था। अंबेडकर जी की बड़ी बहनों के मनचाहा वरों के साथ विवाह उनके पिता रामजी मलोजी सकपाल जी ने ही करवाया था ।
अंबेडकर जी के पिता और उनकी बहनें ऐसा नहीं मानती थी कि ब्राह्मण और ठाकुर लोग उनका उत्पीड़न करते हैं, यदि वह ऐसा मानते की ये लोग उत्पीड़न करते हैं तो यह विवाह ना होते. यानी कि उस समय तक ऐसी कोई घटनाएं नहीं होती थी।
किस बहन की किस जाति और कुल में विवाह हुआ था उसकी जानकारी डा० भीम राव अंबेडकर के सरकारी कुटुंब रजिस्टर में अंबेडकर की विवाहित बहनों के नाम उनके उपनाम सहित दर्ज है।उनके उपनाम से साफ-साफ जानकारी मिलती है कि अनलोगों का विवाह किस -किस जाति बिरादरी में हुई थी ।
1 - अंबेडकर जी की सबसे बड़ी बहन गंगाबाई सकपाल का विवाह लोखंडे परिवार में हुआ था।जो कि मराठा भोयिती ब्राह्मण जाति का उपनाम है। विवाहोपरांत उन्हें श्रीमती गंगाबाई लोखंडेकर के नाम से जाना गया।
2- अंबेडकर की दूसरी बहन रमाबाई का विवाह मालवंकर समुदाय में हुआ था इस जाति के लोग मराठी क्षत्रिय समाज से आते हैं।विवाहो परांत उनका नाम श्री मती रमाबाई मालवकर हो गया था।
3- अंबेडकर की तीसरी बहन मंजुला बाई का विवाह पंदिरकर परिवार में हुआ जो कि मराठा ब्राहमण समाज से है। विवाह के पश्चात उनका नाम श्रीमती मंजुला बाई पंदिरकर हो गया।
4- अंबेडकर की चौथी बहन तुलसा बाई का विवाह धर्म कांतेकर परिवार में हुआ जिसका संबंध भी मराठा ब्राहमण समाज से है।विवाह के पश्चात् उनका नाम श्रीमती तुसला बाई धर्म कांतेकर हो गया।
इस प्रकार स्पष्ट हुआ कि डा० भीमराव अंबेडकर जी की चार बड़ी बहनें थीं जिनमे से तीन का विवाह मराठा ब्राह्मण तथा एक का विवाह क्षत्रिय जाति में हुआ था।
देखने में आया है कि तथाकथित अंबेडकर वादी सदैव डॉक्टर साहब की शादीशुदा बहनों का नाम लेने से कतराते हैं। अंबेडकर जी की बहनों ने कभी भी छुआछूत का आरोप नहीं लगाया। अंबेडकर की बहनों ने ब्राह्मणों और ठाकुरों से प्रेम विवाह किया था। अंबेडकर ने अपनी पुस्तकों में अपनी बहनों के पूरे नाम बताने के अलावा उनके वैवाहिक जीवन पर प्रकाश डालने में कोई रुचि नहीं दिखायी ।अंबेडकर समर्थकों ने डा० भीमराव अम्बेडकर जी का इतिहास मिटाने की कोशिश की ,जिस परिवार की पुत्रियाँ ब्राह्मण और ठाकुरों में ब्याही गई हों,वह परिवार ब्राह्मण - क्षत्री विरोधी कैसे हो सकता है?
गंदी मानसिकता एवं भ्रष्ट जातिवादी राजनीति के कारण अवसरवादी लोगों ने डा०अंबेडकर जी को ब्राह्मण ठाकुर विरोधी बता दिया। और उन पर अनेकों आरोप लगा दिए गए ।
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर साहब कभी भी ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य आदि किसी भी सनातनीय हिंदू धर्म और जाति के विरोधी नहीं थे।
जयहिंद।
शीतला शंकर विजय मिश्र
लोकतंत्र रक्षक सेनानी