पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी कांग्रेस में शामिल, बोले- भाजपा दल नहीं दलदल वाली पार्टी बन गई

पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी कांग्रेस में शामिल, बोले- भाजपा दल नहीं दलदल वाली पार्टी बन गई
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पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी कांग्रेस में शामिल, बोले- भाजपा दल नहीं दलदल वाली पार्टी बन गई

भारतीय जनशक्ति पार्टी के पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी ने कांग्रेस की सदस्यता ले ली। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी का दुपट्टा पहनाकर उनको पार्टी की सदस्यता दिलाई।  लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता लगातार पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो रहे हैं। इस बीच, विंध्य क्षेत्र के नेता और पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी कांग्रेस में शामिल हुए। उनको भोपाल में कांग्रेस मुख्यालय में पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने पार्टी का दुपट्टा पहनाकर पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस अवसर पर लक्ष्मण तिवारी ने कहा कि भाजपा एक दल नहीं दलदल वाली पार्टी बन गई है। भाजपा में लोग अपनी संपत्ति बचाने के लिए जा रहे है, कुछ बिक रहे हैं तो कुछ को खरीदा जा रहा है। देश की जनता के हित के लिए आज लड़ाई लड़ने की जरूरत है और कांग्रेस के बैनर के साथ ही लड़ाई लड़ी जा सकती है। वहीं, जीतू पटवारी ने कहा कि भाजपा जो भी बोलती है केवल झूठ बोलती है। प्रदेश की बहनों को 1000 और फिर 3000 रुपये देने की बात की थी, लेकिन सरकार बहनों के साथ धोखा कर रही है। आज घर के राशन की लागत पांच गुना बढ़ गई है। किसानों की आय दोगुनी करने के बजाय उनकी फसल का उचित मूल्य उन्हें नहीं मिल रहा है। देश में किसानों की जो दुगर्ति हो रही है वह दुनिया में कहीं नहीं हुई। भाजपा सरकार में चाहे मंत्री का बेटा हो या भाजपा का विधायक का बेटा हो तांडव मचा रखा है। पर्ची वाले मुख्यमंत्री ने कर्ज, क्राइम और करप्शन की सरकार चला रहे हैं। लोकतंत्र तानाशाही से चल रहा है। प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने संचालन करते हुए कहा कि भाजपा में जाने वाले की वहां कोई पूछ परख नहीं है, वह तो केवल अपनी संपत्ति बचाने और अपना डर के कारण भाजपा में जा रहे हैं। 

लक्ष्मण तिवारी 2008 में उमा भारती की भारतीय जनशक्ति पार्टी से मऊगंज से विधायक बने थे। इसके बाद 2013 में उमा भारती ने अपनी पार्टी का भाजपा में विलय कर दिया। 2013 के विधानसभा चुनाव में लक्ष्मण तिवारी मऊगंज सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी से हार गए। इसके बाद 2018 में टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने भाजपा से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ा और 10 हजार वोट मिले। 2023 में उन्होंने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली। सपा ने उनको सिरमौर से अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन उनको सफलता नहीं मिली। बता दें, उमा भारती की भाजश अब समाप्त हो चुकी है।vikashpath