मणिपुर में राज्यपाल माननीय सुश्री अनुसुईया उइके की अध्यक्षता में स्थापना दिवस समारोह आयोजित हुआ -

21 जनवरी 1972 को राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ -
 
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मणिपुर में राज्यपाल माननीय सुश्री अनुसुईया उइके की अध्यक्षता में स्थापना दिवस समारोह आयोजित हुआ -

मणिपुर। मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा,उत्तर प्रदेश,(24 जनवरी, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव (26 जनवरी) का स्थापना दिवस समारोह आयोजित किया गया। उल्लेखित है कि उत्तर-पूर्व क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम 1971 के माध्यम से 21 जनवरी 1972 को राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ। इस कार्यक्रम में उक्त प्रदेशों के छात्र एवं अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित थे। 

राज्यपाल ने अपने उदबोधन में कहा कि मणिपुर पिछले कुछ समय से कठिन दौर से गुजर रहा है, केंद्र और राज्य सरकारें शांति और सामान्य स्थिति की बहाली के लिए नागरिक और सामाजिक संगठनों के माध्यम से सौहार्दपूर्ण वातावरण में बातचीत के माध्यम से समस्या का समाधान करने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं। राज्यपाल ने लोगों से मिल- बैठकर बातचीत के जरिये समस्या का समाधान निकालने की अपील की। 

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राज्यपाल ने कहा कि राज्य और देश की समृद्धि और नागरिकों का कल्याण देश की प्रगति से जुड़ा हुआ है। इसलिए आइए इस अवसर पर हम देश की अखंडता और एकता की रक्षा का संकल्प लें। राज्यपाल ने मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और दादरा नगर हवेली के लोगों के उज्ज्वल भविष्य,लंबे जीवन, अच्छे स्वास्थ्य और राज्य की सुख, समृद्धि और प्रगति की कामना की। 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की कल्पना और प्रेरणा से देश ने आजादी का अमृत महोत्सव मनाया है। इस अभियान में एक भारत श्रेष्ठ भारत की अवधारणा के तहत देश के सभी राज्य एक दूसरे के राज्य का स्थापना दिवस मना रहे हैं। 

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राज्यपाल ने कहा कि मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा की स्थापना इस आशा और विश्वास के साथ की गई थी कि ये राज्य अपने-अपने क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों और प्रशासनिक सुविधाओं के के साथ अपने नागरिकों का सर्वांगीण विकास करेंगे। उत्तर प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली की स्थापना भी उपरोक्त उद्देश्यों के लिए की गई थी। 

उन्होंने कहा, सभी राज्य अब अपनी विविधता और विशेषताओं के साथ प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहे हैं। स्थापना दिवस मनाने का उद्देश्य एक-दूसरे राज्य के युवाओं और नागरिकों को उनकी कला, संस्कृति, संगीत, नृत्य, त्यौहार, भाषा, वेशभूषा, परंपराओं, पर्यटन स्थलों से परिचित कराना है। ऐसे आयोजनों से युवा देश एवं प्रदेश की संस्कृति से परिचित होते हैं और उनका सर्वांगीण विकास होता है। 

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हमारा देश इस समय एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है और इसमें नई विश्व अर्थव्यवस्था को आकार देने की क्षमता है। इसलिए, यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम भारत को अखंडता, पारदर्शिता, कड़ी मेहनत, ईमानदारी और निष्पक्षता के साथ एक विकसित राष्ट्र बनाएं।

राज्यपाल ने संक्षिप्त में सभी प्रदेशों की विशेषताओं के बारे में भी लोगों का अवगत कराया। उन्होंने अयोध्याधाम, काशी, प्रयागराज, मथुरा वृंदावन, त्रिपुरा एवं मेघालय की प्राकृतिक सुन्दरता, लोगों की विशेषता की भी तारीफ की दादरा नगर हवेली के इतिहास और इन राज्यों के गठन के बारे में भी लोगों को बताया। 

समारोह में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, त्रिपुरा एवं मेघालय परिसर, रिम्स के छात्र-छात्राओं एवं जेएन डांस अकादमी, इम्फाल के कलाकारों ने, त्रिपुरा का ममीता डान्स जो कि नई फसल के आने पर किया जाता है, वहीं मेघालय का स्प्रिंग आफ मेघालय, मणिपुर का पुंग चोलोम, थांगता जो कि युद्धकला है एवं बसंत राग जिसमें श्री गोविन्द जी की अराधना की जाती है की मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। 

श्री एम. जॉय सिंह, आयुक्त (कला एवं संस्कृति), ज्ञान प्रकाश, आयुक्त, मणिपुर विश्वविद्यालय, डीएम विश्वविद्यालय, मणिपुर तकनीकी विश्वविद्यालय, मणिपुर संस्कृति विश्वविद्यालय और केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, इंफाल के कुलपति, पद्म पुरस्कार विजेता, अर्जुन पुरस्कार विजेता, महिला पत्रकार समारोह में मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा के छात्रों और युवाओं ने भाग लिया।