पटवारी प्रसन्न का शव पहुंचा उनके पैतृक गांव बरौ हुआ अंतिम संस्कार।

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16 साल तक आर्मी में रहकर देश की सेवा भी कर चुके हैं पटवारी प्रसन्न।
अपने 5 बहनों के बीच अकेले भाई थे प्रसन्न. इनकी 2 बेटी 2 है बेटे. प्रसन्न के परिवार जनों ने जी मीडिया से की बातचीत। बातचीत के दौरान प्रशासन और सरकार पर लगाए कई गंभीर आरोप कहा कई सालों से नाइट में लगाई जाती थी ड्यूटी।
बोले परिजन कहां जब हर विभाग के अलग है कर्मचारी तो पटवारी की क्यों लगाई जाती थी ड्यूटी. पुलिस फोर्स की क्यों नहीं लगाई गई ड्यूटी। अगर पुलिस होती तो यह घटना ना होती क्योंकि पुलिस साथ में नहीं थी। इस पूरे हादसे में लापरवाही सरकार और उनकी टीम मेंबर की है. खनन बंद करने के लिए पुलिस को भेजना चाहिए था पटवारी का काम और पुलिस के काम में अंतर है यह काम पुलिस का है।
बेटी ने कहा कि इसमें ऐसी कार्यवाही हो कि दोबारा ऐसी घटना ना हो किसी के साथ जिस तरह आज मेरे पापा के साथ हुआ। मैं नहीं चाहती कि अब दोबारा ऐसे ही किसी के लाइफ बर्बाद हो जाए जिस तरह आज मेरी जिंदगी बर्बाद हुई है मेरे दो छोटे-छोटे भाई हैं। कल देर रात लगभग 11:00 बजे पटवारी प्रसन्न अपने बीवी और बच्चों से की थी बातचीत कहा था आ जाऊंगा घर लेकिन रात में ही अचानक लगा दी गई ड्यूटी।