त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधिगण पंचायती राज स्थापना का संकल्प लें.....

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त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधिगण पंचायती राज स्थापना का संकल्प लें.....

दिल्ली।  अखिल भारतीय पंचायत परिषद्  [ All India Panchayat Parishad ] एवं बलवंत राय मेहता पंचायती राज फ़ाउंडेशन के अनवरत संघर्षों के परिणाम स्वरूप भारतीय संविधान के अनुच्छेद - 243 में पंचायतों के अधिकार से सम्बंधित  73,74वाँ संविधान संशोधन 22 एवं 23 दिसम्बर 1992 में किया गया था लेकिन प्रदत्त अधिकार पंचायतों को मात्र काग़ज़ पर ही प्राप्त हुआ है।

  पंचायती राज एक्ट 1992 एवं पेशा पंचायत अधिनियम 1994 द्वारा अनसूचित वर्ग को पंचायतों के लिए ब्यापक अधिकार प्रदान किया गया है लेकिन सब कुछ नौकर शाही के रहमों करम पर छोड़ दिया गया है। मेरी निजी राय में स्वतंत्रता की शुरुआत नीचे से होनी चाहिये, हर गाँव ख़ुद में एक गणतंत्र बने, एक सशक्त व स्वनिर्भर पंचायतें बनें तो स्वतंत्रता सार्थक होगी। 

देश के नौ राज्यों में अभी तक पंचायतों को एक भी अधिकार नही मिला है केंद्र सरकार भी गम्भीर नही है। कई राज्यों में पंचायत चुनाव अधर में है अखिल भारतीय पंचायत परिषद प्रयत्न शील है कि राज्य सरकारें पंचायतों का चुनाव समय से सम्पन्न कराएँ । खेद का विषय है कि पंचायतों द्वारा केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन की शिफ़ारिश केंद्र सरकार के गले के नीचे क्यों नही उतरती है यह मेरी समझ के बाहर है।

प्रतीत हो रहा है कि संभवतः एक और संविधान संशोधन की लड़ाई ,लड़नी  होगी जो आप सबके सहयोग के बिना संभव नही है देश की त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं को एक जुट होकर संघर्ष के लिए आगत 22 दिसम्बर 2024 को  संकल्प लेना चाहिये। जय पंचायती राज ,जयहिंद !

शीतला शंकर विजय मिश्र,
मुख्य महामंत्री, 
अखिल भारतीय पंचायत परिषद ,एवं न्यासी-सचिव बलवंत राय मेहता पंचायती राज फ़ाउण्डेशन ,दिल्ली।
6-10-2024