पंचायती राज की सफलता ग्राम सभा पर निर्भर करती है- शीतला शंकर विजय मिश्र

पंचायत को सुव्यवस्थित करने का प्रयास पंचायती राज के अंतर्गत
 
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पंचायती राज की सफलता ग्राम सभा पर निर्भर करती है- शीतला शंकर विजय मिश्र 

दिल्ली। स्थानीय स्वशासन की प्राथमिक इकाई के रूप में ग्राम पंचायत को सुव्यवस्थित करने का प्रयास पंचायती राज के अंतर्गत किया गया है। लेकिन अब तक के अनुभव के आधार पर यह मान्यता बन रही है कि ग्राम पंचायतों को अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने में अपेक्षित सफलता नहीं मिल पा रही है। ग्राम पंचायत स्तर पर कितनी सफलता मिलती है इसी पर पंचायती राज की सफलता निर्भर करती है।

ग्राम पंचायत की निम्नलिखित कमजोरियाँ दूर करने पर एवं सुविधाएँ उपलब्ध करायी जायँ तो ग्राम पंचायतों को सफलता मिल सकती है-

1- सामुदायिक भावना का विकास किया जाय।
2- स्थानीय गुटबंदी समाप्त की जाये।
3 - ग्राम पंचायतों को अधिक आर्थिक साधन उपलब्ध कराया जाय।
4 - जन प्रतिनिधियों एवं कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाय।
5 - जन भावना एवं जन सेवा की भावना विकसित की जाय।
6 - सामाजिक तनाव को दूर किया जाय।
7 - राजनीतिक स्तर पर गुटबंदी दूर की जाय।

8 - कर्मठ, ईमानदार, ग़ैर आपराधिक, ग़ैर राजनीतिक सही नेतृत्व दिया जाय।
9 - सरकार और सरकारी कर्मचारियों का निष्पक्ष एवं पारदर्शी सहयोग प्राप्त हो।
10 - ग्रामीणों को सस्ता और शीघ्र न्याय उपलब्ध कराने के लिए ग्राम न्यायालयों की स्थापना एवं न्याय पंचायतों का निर्वाचन ( गठन ) कराया जाय।
जयहिंद जय पंचायती राज!

शीतला शंकर विजय मिश्र 
मुख्य महामंत्री ऑल इंडिया पंचायत परिषद एवं न्यासी सचिव 
बलवंत राय मेहता पंचायती राज संस्थान (ट्रस्ट)