Old Pension Scheme : इन रिटायर्ड कर्मचारियों को अब मिला करेगी हर माह 15000 रुपए तक पेंशन, 1.20 लाख कर्मियों को GPF नंबर जारी, जानें OPS पर नया अपडेट

 इन रिटायर्ड कर्मचारियों को अब मिला करेगी हर माह 15000 रुपए तक पेंशन
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खास बात ये है कि ओपीएस के लागू होने से जिन पेंशनरों को 500 रुपए पेंशन मिलती थी अब उन्हें 15000 तक का लाभ मिल रहा है।

Himachal Pradesh OPS 2024 : हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए अच्छी खबर है। राज्य की सुखविंदर सिंह सुख्खू सरकार ने ओल्ड पेंशन योजना (Old Pension) लागू करने के बाद अब प्रदेश के 1.20 लाख कर्मचारियों को जीपीएफ नंबर जारी कर दिए है, इसी के साथ ही प्रदेश भर में सेवानिवृत्त हुए 800 कर्मचारियों को पुरानी
 पेंशन का लाभ मिलना भी शुरू हो गया है।खास बात ये है कि जिन पेंशनरों को 500 रुपए पेंशन मिलती थी अब उन्हें 15000 तक का लाभ मिल रहा है।

1.20 लाख कर्मचारियों को जीपीएफ नंबर जारी

दरअसल, 2003 के बाद राज्य में पुरानी पेंशन योजना बंद कर दी गई थी इसके जगह नई पेंशन योजना लागू की गई थी, लेकिन बीते साल सत्ता में आते ही कांग्रेस सरकार ने अपना वादा निभाते हुए ओपीएस को फिर बहाल कर दिया। राज्य की सुखविंदर सुक्खू सरकार (Sukhu Sarkar) ने इसे कैबिनेट में मंजूरी देकर लागू करने के आदेश जारी कर दिए, जिसके बाद से अंशदान कटना बंद हो गया था।अब महालेखाकार कार्यालय शिमला की तरफ से 1.20लाख कर्मचारियों को जीपीएफ नंबर जारी किए गए हैं, जिससे उन्हें भी सेवानिवृत्ति के बाद ओपीएस का लाभ मिल सकें।

500 की जगह मिलेगी 15000 रुपए पेंशन

इस संबंध में सोमवार को महासंघ का प्रतिनिधिमंडल  प्रधान महालेखाकार सुशील कुमार से कार्यालय में मिला और स्मृतिचिह्न भेंट करके सम्मानित किया। इस मौके पर महासंघ ने कहा कि वर्तमान में 800 सेवानिवृत्त कर्मचारियों को मासिक 15 हजार रुपये पेंशन मिलने लगी है, जबकि एनपीएस में रहते हुए 150 से लेकर 500 रुपये मासिक पेंशन मिल रही थी।महासंघ ने आग्रह किया कि  1.36 लाख कर्मचारियों में 1.20 के जीपीएफ नंबर जारी हो चुके हैं, ऐसे में शेष कर्मचारियों के जीपीएफ नंबर कुछ समय में जारी कर दिए जाएं। वही राज्य विद्युत बोर्ड के छह हजार कर्मचारियों को भी ओपीएस के दायरे में लाने के लिए मुख्यमंत्री सुखिवंदर सिंह सुक्खू से आग्रह किया गया है।

जानिए क्या अंतर है OPS और NPS में

  • OPS में सरकारी कर्मचारी के रिटायर होने के बाद आखिरी मूल वेतन और महंगाई भत्ते की आधी रकम बतौर पेंशन ताउम्र सरकार के राजकोष से दी जाती है। OPS में हर साल दो बार महंगाई भत्ता भी बढ़कर मिलता है,पेंशन पाने वाले सरकारी कर्मचारी की मौत होने पर उसके परिवार के पेंशन दिए जाना भी ओपीएस में शामिल हैं।
  • NPS एक कंट्रीब्यूटरी स्कीम है, जिसमें कर्मचारियों को अपने वेतन का दस प्रतिशत हिस्सा देना होता है। सरकार कर्मचारी के एनपीएस खाते में 14% भाग डालती है।नई पेंशन योजना के तहत सरकारी कर्मचारी को अपनी पेंशन में मूल वेतन का 10 फीसदी देना होता है और इसमें राज्य सरकार केवल 14% का ही योगदान देती है।
  • OPS में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद 20 लाख रुपए तक की ग्रेच्युटी मिलती है। ओपीएस में कर्मचारियों के लिए 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू किया जाता है।पेंशन कमीशन के लागू होने पर पेंशन रिवाइज्ड होने का फायदा भी रिटायर कर्मचारी को मिलता है।
  • NPS में रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी का कोई स्थायी प्रावधान नहीं है।न्यू पेंशन स्कीम (NPS) में 6 महीने के उपरांत मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू नहीं होता है। नई पेंशन स्कीम के तहत सेवानिवृत्ति पर पेंशन पाने के लिए एनपीएस फंड का 40 फीसदी निवेश करना होता है। सेवानिवृत्ति के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं होती।एनपीएस शेयर बाजार पर आधारित है। इसमें महंगाई भत्ते का प्रावधान शामिल नहीं है।NPS में सेवा के दौरान कर्मचारी की मृत्यु होने पर उनके परिजनों को कुल वेतन का 50 फीसदी पेंशन के तौर पर देने का प्रावधान है।
  • OPS के विपरीत नई पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट पर शेयर बाजार के अनुसार जो भी पैसा मिलेगा,आपको उसपर टैक्स देना होता है।OPS में कर्मचारी के रिटायरमेंट पर GPF के ब्याज पर उसे किसी प्रकार का इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता।