कोरोना महामारी की तीसरी वेब हेतु युद्ध स्तर पर सरकार रहें तैयार,अब चूके तो हल नहीं मिलेगा

सरकार,शासन और प्रशासन सहित जनता को पिछली बार की गलतियों से लेना होगा सीख तीसरे बेव की तैयारियों को रखना होगा जारी, ताकि मुश्किलों से सामना किया जा सके विजया पाठक, एडिटर, जगत विजन लगभग 50 दिन से भी अधिक समय बाद 1 जून से मध्य प्रदेश में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो रही है। The post कोरोना महामारी की तीसरी वेब हेतु युद्ध स्तर पर सरकार रहें तैयार,अब चूके तो हल नहीं मिलेगा first appeared on saharasamachar.com.
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कोरोना महामारी की तीसरी वेब हेतु युद्ध स्तर पर सरकार रहें तैयार,अब चूके तो हल नहीं मिलेगा

सरकार,शासन और प्रशासन सहित जनता को पिछली बार की गलतियों से लेना होगा सीख

तीसरे बेव की तैयारियों को रखना होगा जारी, ताकि मुश्किलों से सामना किया जा सके

विजया पाठक, एडिटर, जगत विजन

लगभग 50 दिन से भी अधिक समय बाद 1 जून से मध्य प्रदेश में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो रही है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बाद से लगातार बंद चल रही प्रदेश की आर्थिक गतिविधियां एक बार फिर सुचारू रूप से चलने को तैयार है। लेकिन एक बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि कोरोना की पहली लहर के बाद की गई गलतियों को दोहराने से बचना होगा, नहीं तो तीसरी बेव आने पर प्रदेश का मंजर अभी से कई गुना अधिक भयानक हो सकता है। मुझे याद आता है कि बीते वर्ष लगभग तीन महीने के लंबे लॉकडाउन के बाद अनलॉक की प्रक्रिया 1 जून 2020 से शुरू हुई थी। धीरे-धीरे शुरू हुई अनलॉक की प्रक्रिया जुलाई अगस्त तक पूरी तरह से समाप्त हो गई थी।

लगभग स्कूल कॉलेजों को छोड़ दें तो मंदिर, मस्जिद,बाजार, दुकानें, सिनेमाघर सहित सभी स्थान एहतियात के साथ खुलने लगे थे। अक्टूबर नवंबर आते-आते हम सभी यह तक भूलने लगे थे कि हमें मास्क पहनना है, डिस्टेंसिंग का पालन करना है, भीड़ भाड़ वाले इलाके में जाने से बचना है। सब कुछ पहले की तरह सामान्य हो गया। शासन और सरकार भी पूरी तरह से सामान्य हो चुके थे। चुनावी सभाएं, शासकीय आयोजन आदि यह सब होने लगे थे। भारत के बाहर दूसरे देश जहां दूसरी लहर आने से बचाव की तैयारियों में जुटे थे, वहीं हम कोरोना संक्रमण को भूल पूरी तरह से सामान्य जीवन व्यतीत करने में जुट चुके थे।

लेकिन हमारे द्वारा की गई गलतियों का खामियाजा दिसंबर 2021 के बाद फिर देखने को मिलने लगा। इस बार शुरूआत प्रदेश के पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात की तरफ से हुई। जब इन राज्यों में कोरोना संक्रमण के केस बढ़ रहे थे, तब भी हम नहीं चेते। जनता, सरकार, शासन और प्रशासन सभी आने वाले संक्रमण से अंजान अपनी दुनिया में व्यस्त थे। यहां तक कि संक्रमण के बढ़ते केसो के बीच राज्य में दमोह जिले के अंदर उपचुनाव की प्रक्रिया को पूरा किया गया। हजारों लोगों के बीच चुनाव रैलियां संपन्न हुई। इन्हीं सब गलतियों के कारण मार्च के अंतिम सप्ताह आते-आते एक बार फिर प्रदेश में लॉकडाउन जैसी स्थितियां कायम होने लगी।

साप्ताहिक लॉकडाउन से शुरू हुआ लॉकडाउन का यह सिलसिला देखते ही देखते टोटल लॉकडाउन में कब बदल गया पता भी नहीं चला। इसके बाद प्रदेश और देश की जनता ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण का जो आतंक देखा वो हम सबके सामने है। अस्पतालों में बेड की कमी, ऑक्सीजन की कमी, इलाज के लिए सड़कों पर भटकते मरीज, ऑक्सीजन की एक-एक बूंद के लिए घंटों लाइनों में खड़े परिजन, दवाईयों के लिए दर-दर भटकते लोग और श्मशान घाट में लगी लाशों की लाइन। यह सब दृश्य भला मध्य प्रदेश की जनता कैसे भूल सकती है। लगभग डेढ़ महीने के इस समय ने प्रदेश की जनता की रूह कंपा देने वाले मंजर दिखाए है। कुल मिलाकर अब हमें हर स्तर पर पिछली बार की गई गलतियों को दोहराने से बचना होगा और कोशिश करना होगा कि तीसरी वेब को लेकर चल रही तैयारियों में किसी प्रकार की अड़चन पैदा न हो और सभी कार्य समय रहते पूरे किए जा सके।

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