दलित समाज के 2 बच्चों सहित 6 लोगों को अलग-अलग जलाने के लिए प्रशासन नहीं कर पाया लकड़ियों की व्यवस्था

गुना,मध्यप्रदेश प्रदेश गुना जिले के बेरवास गांव में रहने वाले 9 लोगों की मौत अहमदाबाद में गैस सिलेंडर फटने के हादसे से हो गई थी। उन मृतको के शवो को अलग अलग दिन एम्बुलेंस के द्वारा ग्राम भिजवाए गए। पहिले आए तीन लोगों के शव का अंतिम संस्कार करने में भी परिजनों को परेशानी का The post दलित समाज के 2 बच्चों सहित 6 लोगों को अलग-अलग जलाने के लिए प्रशासन नहीं कर पाया लकड़ियों की व्यवस्था first appeared on saharasamachar.com.
 | 
दलित समाज के 2 बच्चों सहित 6 लोगों को अलग-अलग जलाने के लिए प्रशासन नहीं कर पाया लकड़ियों की व्यवस्था

गुना,मध्यप्रदेश

प्रदेश गुना जिले के बेरवास गांव में रहने वाले 9 लोगों की मौत अहमदाबाद में गैस सिलेंडर फटने के हादसे से हो गई थी। उन मृतको के शवो को अलग अलग दिन एम्बुलेंस के द्वारा ग्राम भिजवाए गए।

पहिले आए तीन लोगों के शव का अंतिम संस्कार करने में भी परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ा। क्योंकि मुक्तिधाम पर पहुंचने के लिए पक्का रास्ता नहीं था और बारिश से तीनों शवों को बचाने के लिए मुक्तिधाम पर टीन शेड भी मौजूद नहीं थी।

कड़ी मशक्कत के बाद मृतक के परिजनों द्वारा मृतको के तीनों शवों का अंतिम संस्कार किया गया।

वही रविवार को शेष बचे हुए 6 लोगों के शव अहमदाबाद से बेरवास गांव पहुंचे। जिनमे नाबालिग बच्चे भी शामिल थे। हैरानी की बात तो यह है कि प्रशासन के अधिकारी दलित परिवारों के 6 शवों को अलग-अलग जलाने के लिए लकड़ियों की व्यवस्था तक नहीं करा पाया।
ओर दलित परिवार के 6 लोगों का एक साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया।

जबकि हिन्दू रीति अनुसार सभी मृतको का अलग अलग दाह संस्कार होना चाहिए था। जबकि दो परिवारों के लोगो की मृत्यु हुई थी।

जिला प्रशासन के अधिकारियों ने इस कृत्य से मानवता को भी तार-तार कर दिया कि मृतक बच्चों को भी सभी के साथ आग के हवाले कर दिया।

जबकि हिंदू समाज की रीति अनुसार बच्चों को दफनाया जाने का नियम है।

पर देश मे हमेसा से दलित पिसता हैं सो इस घटना में भी उनके साथ भी वही हुआ। जिले में गरीब दलितों के लिए ना कोई बोलने वाला है ना कोई सुनने वाला है पर दलितों पर संवेदनाओं की राजनीति करने वाले बहुत है।

अब जिले भर में इस घटना के फोटो वीडियो वायरल होने के बाद बेरवास गांव का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। क्योंकि घटना पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद अपनी नजर बनाए हुए हैं अब देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री द्वारा 6 दलितों के शव एक साथ जलाने पर प्रशासन के अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की जाती है या फिर जांच की बात कहकर फाइल दौड़ते हुए धूल भरे बस्ते में कैद हो जाएगी।

और यह भी देखना लाजिमी होगा कि कांग्रेस बीजेपी के वरिष्ठ नेता जो बेरवास गांव पहुंचे थे वह इस घटना पर अपनी क्या प्रतिक्रिया देते हैं क्या वे दलितों के साथ हुई इस घटना पर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग करते हैं या इस मामले से बचते नजर आते हैं, यह हमें आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा और यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि कांग्रेस बीजेपी के लोग दलितों के साथ हैं या प्रशासन के अधिकारियों के साथ हैं।

जो दलित समाज के नेता कहलाते हैं और दलित समाज की आवाज बनकर बोलते हैं क्या वह इस घटना पर इस दलित परिवार की मदद करने के लिए आगे आएंगे इस घटना पर प्रशासन के अधिकारियों पर कार्रवाई कराएंगे यह भी देखने वाली बात होगी।

The post दलित समाज के 2 बच्चों सहित 6 लोगों को अलग-अलग जलाने के लिए प्रशासन नहीं कर पाया लकड़ियों की व्यवस्था first appeared on saharasamachar.com.