भारत देश मे मसीहा बन कार्य कर रहे समाज सेवी रिंकू रितेश चौरसिया

घरेलू थेरेपी बनाकर भारत देश के हजारों कोरोना मरीजों को स्वस्थ किया। संजय भारद्वाज छिंदवाड़ा छिंदवाड़ा । विगत माह से समूचे भारत देश में कोरोना संक्रमण के एकाएक अत्याधिक मामले सामने आ रहे हैं। पूरे देश में इस प्राणघातक बीमारी के कारण भयावह स्थिति बनी हुई है। ऐसे समय में प्राइवेट व शासकीय अस्पतालों कहीं The post भारत देश मे मसीहा बन कार्य कर रहे समाज सेवी रिंकू रितेश चौरसिया first appeared on saharasamachar.com.
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भारत देश मे मसीहा बन कार्य कर रहे समाज सेवी रिंकू रितेश चौरसिया

घरेलू थेरेपी बनाकर भारत देश के हजारों कोरोना मरीजों को स्वस्थ किया।

संजय भारद्वाज छिंदवाड़ा

छिंदवाड़ा । विगत माह से समूचे भारत देश में कोरोना संक्रमण के एकाएक अत्याधिक मामले सामने आ रहे हैं। पूरे देश में इस प्राणघातक बीमारी के कारण भयावह स्थिति बनी हुई है।

ऐसे समय में प्राइवेट व शासकीय अस्पतालों कहीं पर भी मरीजो को एडमिट करने के लिए जगह खाली नहीं मिल रही है। इस समय देश मे स्वस्थ नागरिकों में भी इस बीमारी का डर बना हुआ है। इन कठनाई भरी विषम परिस्थितियों पर जिला छिंदवाड़ा के बहुचर्चित जागते रहो ग्रुप खून का रिश्ता ग्रुप समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया विगत एक माह से रात दिन 24 सो घण्टे भीड़ कर गम्भीर से गम्भीर कोरोना संक्रमित मरीजों को अपने स्वयं द्वारा निर्मित घरेलू थेरेपी देकर मरीजो को स्वस्थ करने में लगे हुए है।

हमारे संवाददाता से फोन पर हुई चर्चा दौरान समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया ने बताया की विगत माह उनके दोनों बच्चे कोरोना संक्रमित हो गए थे। जिसको लेकर वह काफी चिंतित थे।

इन्होंने अपना आपा ना खोते हुए इस खतरनाक बीमारी से डट कर लड़ने का बीड़ा उठाया और गूगल व अन्य जगहों से इस जानकारी को संचय किया कि यह कोरोना कैसे होता है और मनुष्य के शरीर में इसके क्या-क्या दुष्प्रभाव होते हैं। सारी जानकारी एकत्र करने के उपरांत समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया जी ने अपनी घर की रसोई से कुछ सामग्री को निकाल कर के बच्चों पर प्रयोग किया बच्चे तत्काल स्वस्थ हो गए। इसके उपरांत इनके परिवार के और अन्य 9 लोग भी कोरोना पॉजिटिव हुए थे इन्होंने यही थेरेपी उन पर भी प्रयोग किया जिससे पूरा परिवार कोरोना मुक्त स्वस्थ हो गया। इसके बाद समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया ने इस थेरेपी को नि:शुल्क व निस्वार्थ भाव से देश हित में प्रचार प्रसार किया।

जिसमें इनके द्वारा फोन के माध्यम से 300 से अधिक गम्भीर कोरोना संक्रमित मरीजों को उपचार विधि करवाई गई। और वह सभी मरीज स्वस्थ हुए। फिर इनके द्वारा फेसबुक और व्हाट्सएप में थेरेपी के वीडियो बनाकर के दिए गए उन वीडियो को देख कर के भारत देश से कई हजारों मरीजो ने इस थेरेपी को कर वह सभी स्वस्थ हुए। वार्ता में समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया ने इस थेरेपी के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी हमें साझा किया।

उन्होंने बताया की जो कोरोना संक्रमित मरीज जिनका RTPCR रिपोर्ट आ चुका है। केवल वही इस थेरेपी को करें। अन्य गर्भवती महिलाएं,15 साल से छोटी उम्र के बच्चे, ब्लड प्रेशर के मरीज, थायराइड के मरीज,अस्थमा के मरीज, सुगर के मरीज और ऐसे वह मरीज जिनकी पुरानी बीमारी के कारण दवाइयां चल रही है। या वह मरीज जिन्होंने रेमदेशिविर इंजेक्शन या हेवी डोज की गोली दवाओं का प्रयोग किया वह इसे बिल्कुल भी ना करें। इस थेरेपी को करने के लिए घर से एक नींबू को लेना होता है। तीन छोटे चम्मच हल्दी पाउडर ,तीन छोटे चम्मच सफेद खाने वाला नमक पाउडर ,दो छोटे चम्मच काली मिर्च पाउडर ,दो छोटे चम्मच शहद, चाय पीने वाले कप से आधा का अदरक का रस, चार गिलास गर्म पानी।

थेरेपी को करने के लिए यह सारा सामान लेकर के मरीज को वॉशरूम में में बैठना होता है। वहां सर्वप्रथम मरीज नींबू को दो भाग में काटेगा और उसके बीजे अलग करेगा इसके बाद एक टुकड़ा नींबू का उठाकर अपने सर को ऊपर की ओर करके अपनी नाक के छेद में दो-दो बूंद रस डालेगा। इसके बाद मरीज को अपनी नाक से गहरी सांस लेते हुए उस रस को अंदर की ओर खींचना है। इसके बाद नींबू के दोनों कटे हुए टुकड़ों को उठाकर एक स्टील की कटोरी में उसका रस निकाल लेगा। इसके बाद उस रस मे छोटा चम्मच से आधा चम्मच सफेद नमक और छोटा चम्मच से आधा चम्मच हल्दी पाउडर मिलाएगा और उसमें थोड़ा गर्म पानी मिलाएगा इस घोल बनाकर के मरीज को अपने मुंह में लेकर के ऊपर मुंडी करके गहरे गहरे गरारे करने हैं। 1 से 2 मिनट तक गरारे करने के उपरान्त इस पेस्ट को थूकना है। इस बीच में मरीज को जो भी कफ आएगा या खांसी आएगी तो उस कफ को निकालना है। उस कफ को खाना नहीं है, थूकना है। इसके बाद मरीज को दो मिनिट तक नाक से गहरी गहरी सांसे अंदर खींचना है। और मुंह से हवा छोड़ना है इस बीच में और कफ निकलेगा उस कफ को भी मरीज को थूकना है। इसके बाद में मरीज को एक गिलास गर्म पानी लेकर के 2 छोटे चम्मच से सफेद नमक पाउडर मिलाकर के उसको मुंह में लेकर गरारे करना है।गरारे करने के उपरांत मरीज को वापस फिर नाक से दो मिनिट तक गहरी गहरी सांस अंदर की ओर खींच कर के मुंह से हवा छोड़ना है। इस बीच में और कफ आएगा वह सारा कफ मरीज को थूकना है। इसके बाद में मरीज को एक गिलास गर्म पानी लेकर के उसमें दो छोटे चम्मच से हल्दी पाउडर मिलाना है और उसको घोल करके पीना है। इसके बाद मरीज को आधा कप अदरक का रस लेना है और उसमें दो छोटे चम्मच से काली मिर्च का पाउडर मिलाना है। और साथ ही दो छोटे चम्मच शहद मिलाना है। और इसको खोलकर के मरीज को पीना है।

इस प्रकार की घरेलू थेरेपी पूर्ण करने से मरीज को तत्काल स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है। कोरोना जड़ से खत्म होता है ऑक्सीजन लेवल बढ़ता है। और मरीज चाहे तो दूसरे दिन जा करके अपना rt-pcr फिर से करा ले उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आती है। कोरोना के लिए यह एक रामबाण इलाज है। जिससे कोरोना जड़ से समाप्त करने के लिए सटीक बैठा है।

इस इलाज से कोई भी साइड इफेक्ट या कोई भी शारिरिक नुकसान नहीं होते है। क्योंकि यह सारी सामग्री हमारे घरों में खाने पर उपयोग की जाती है। इसके बाद मरीज को यह थैरेपी लेने के बाद मरीज को 14 दिन लगातार बार बार चाय जैसा गरम पीना है।अपने गले को सूखने नहीं देना है। और खाने में मरीज को वेज नॉनवेज सभी खाना है। जिसमें मसाले एवं तेल का उपयोग कम करना है। और खाना गर्म गर्म खाना है। और खाने की खुराक पूर्व की अपेक्षा दुगनी करना है । क्योंकि कोरोना वायरस होने के उपरांत मरीज कमजोर भी होता है। खाने के पोषक तत्व से मरीज शक्तिशाली बनेगा और साथ ही फलों में मौसंबी का जूस, संतरे का जूस,अनानास का जूस,और नारियल पानी अधिक से अधिक पीना है। मरीज को टीवी समाचार या अन्य को भी नकारात्मक खबरों की ओर ध्यान नहीं देना है। उसे अपने ईश्वर या अपने देवी देवता की आराधना करते हुए अपने शरीर में सकारात्मक शक्ति का संचार उत्पन्न करना है।

मरीज को फ्रिज का कोई भी खाना या ठंडा पानी या अन्य कोई भी फल नहीं खाना है। समाज सेवी रिंकू रितेश चौरसिया जो कि जिले में कई वर्षों से निरंतर मानव सेवा, गौ सेवा, बेटी बचाओ एवं पर्यावरण संरक्षण क्षेत्र में निस्वार्थ भाव से देशहित में उल्लेखनीय उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं।

इनके द्वारा जरूरतमंद मरीजों को 1380 यूनिट रक्तदान,अति दयनीय निर्धनों को इलाज हेतु ढाई लाख रुपए की आर्थिक सहायता,निर्धनों को ठंड से बचाने हेतु 4000 कंबलो का वितरण ,जिले को अंदर मुक्त करने हेतु 5600 लोगों की आंखों की जांच कर 742 मोतियाबिंद के निःशुल्क ऑपरेशन, जल व्यवस्था में दो पानी की कांक्रीट टंकियों का निर्माण, जंगली वन्य जीवो की प्यास बुझाने के लिए दो बड़े बड़े कांक्रीट पानी के टाको का निर्माण ऐसे विभिन्न कार्य करते हुए आ रहे हैं विगत वर्ष 2020 में लोकडाउन दौरान कोयोलांचल क्षेत्र में परासिया,चांदामेटा, न्यूटन, बरकुई में 59 दिन निरन्तर 1200 दीन-दुखियों एवं निराश्रित एवं पलायन करते मजदूरों को प्रतिदिन भोजन व्योवस्था कर वाया गया।

गौ माता के लिए चारे की व्यवस्था की गई। लावारिस सॉन्ग बली (कुत्तों) के लिए रोटियों का प्रबंध किया गया। इन विषम परिस्थितियों पर जहां जान बचाने के लाले बने पड़े हैं वहां नि:स्वार्थ भाव से सेवा करना बहुत ही सराहनीय,अनुकरणीय है। इनके कार्यों की जितनी प्रशंसा की जाए वह कम होगी।

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