मुख्यमंत्री के किल कोरोना की घोषणाओ के बीच ब्यवस्थाओं से जूझता मध्यप्रदेश

त्वरित टिप्पड़ी..उदित नारायण कोरोना की चेन तोड़ने एवं कोरोना को हराने के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बिगत 2 दिनों मे एक्शन मोड मे दिखाई दिये यह एक सकरात्मक कदम है। किल कोरोना अभियान,गरीबों का मुफ्त इलाज, क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी का निर्देश प्रदेश के तमाम छोटे बड़े अखबारों के मुख्य पृष्ठ पर छापा पड़ा है l The post मुख्यमंत्री के किल कोरोना की घोषणाओ के बीच ब्यवस्थाओं से जूझता मध्यप्रदेश first appeared on saharasamachar.com.
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मुख्यमंत्री के किल कोरोना की घोषणाओ के बीच ब्यवस्थाओं से जूझता मध्यप्रदेश

त्वरित टिप्पड़ी..उदित नारायण

कोरोना की चेन तोड़ने एवं कोरोना को हराने के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बिगत 2 दिनों मे एक्शन मोड मे दिखाई दिये यह एक सकरात्मक कदम है।

किल कोरोना अभियान,गरीबों का मुफ्त इलाज, क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी का निर्देश प्रदेश के तमाम छोटे बड़े अखबारों के मुख्य पृष्ठ पर छापा पड़ा है l शायद ही इन अखबारों को ग्रामीण क्षेत्र या ज्यादातर प्रदेश मे कोई देखता पढ़ता होगा. निश्चित तौर पर ये विज्ञापन फ्री नही छापे गए होंगे प्रदेश के कुछ मंत्री तो कही कहीँ जाकर कुछ फोटो लेकर खबरों मे बने हुए हैं!!

इन सब के बीच सवाल यह है कि क्या मेडिकल स्टाफ की कमी से जूझता प्रदेश बिना सपोर्ट सिस्टम, एंबुलेंसों की भारी कमी खस्ता हाल अस्पतालों चकनाचूर हेल्थ इंफ्रस्ट्रॅक्चर और बदहाल ब्यवस्थाओं के बीच यह संभव हो पायेगा या जनता फिर उम्मीद का झुंझुना लिए निहारती रह जायेगी और कुछ प्रभावशाली लोग आपदा को अवसर मे बदल मालामाल हो जायेंगे जनता अपने भाग्य को कोस कोस कर मरती रहेगी।

जैसी तस्वीर प्रदेश के तमाम जिलो गाँव और कस्बों से आ रही है क्या वो मुख्यमंत्री जी को बिचलित नही करती ? क्या कुछ मंत्री अफसरों पटवारी शिक्षको और पंचायत के कर्मचारियों की कमेटी बना देने से संभव हो पायेगा क्या मां मुख्यमंत्री जी को सिपह- सलाहकारों के अलावा बाहरी लोगों की सुझावों ब्यवस्था के प्रति जागरूक एवं सरकार के अलावा गैर सरकारी तंत्रो का सुझाव नही मानना चाहिए।

जरूरत है प्रदेश मे बड़े पैमाने पर ज़िले वार स्वास्थ्य व्यवस्था के इंफ्रस्ट्रॅक्चर डेवेलप् करने की अस्थायी त्वरित ब्यस्था की सरकारी खस्ताहाल अस्पतालों मे स्वास्थ्य सामग्री,स्टाफ और दवाईंयों के साथ एक बेहतर निगरानी समिति की, घर घर जाँच कराने की घर मे ही या पंचायत भवनों और सरकारी स्कूलों मे इसोलेशन की सुविधा बनाने की एंबुलेंसों और बिना कालाबाजारी के दवाओं की।

रास्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की बनाई हुयी संपूर्ण नीतियों को लागू करने की जो प्रदेश मे शायद ही कहीँ दिलायी देती हो, समाजसेवी संस्थाएँ एवं निज़ी संस्थानों से इस आपदा मे मदद लेने की और कुछ अगर अच्छे सुझाव मिलते हैं तो मुख्य मंत्री कार्यालय मे त्वरित रेस्पौंस टीम की.. अनाज एवं स्वास्थ्य व्यवस्था लागू करने के रेपिड एक्शन टीम जो प्रदेश के तमाम जिलो और गाॅव मे अब्यवस्था और अबिस्वास को फैलने से रोकने की लोगो को बिस्वास दिलाने के साथ उनके साथ मनवीयता के साथ खड़े रहने की जिससे भूख और इलाज से कोई जनहानि ना होने पाए.. यही एक सुखी प्रदेश का आधार स्तंभ बने।

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