राज्यसभा की रेस से आउट हुए फूल सिंह बरैया क्या कांग्रेस के लिए साबित होंगे ट्रंप कार्ड?
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मध्य प्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों के लिए 19 जून को चुनाव होना है. विधायकों की संख्या बल के हिसाब से बीजेपी को दो और कांग्रेस को एक पर जीत मिलने की संभावना है
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की तीन राज्यसभा सीटों में से बीजेपी के खाते में दो सीटें जानी तय हैं. जबकि कांग्रेस को एक सीट पर जीत हासिल होगी. कांग्रेस की ओर से दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) राज्यसभा जाएंगे. वही उसके दूसरे उम्मीदवार फूल सिंह बरैया (Phool Singh Baraiya) का राज्यसभा जाना लगभग नहीं के बराबर है
राज्यसभा चुनाव में फूल सिंह बरैया का संख्या गणित भले ही गड़बड़ा गया हो. लेकिन कांग्रेस पार्टी मान रही है बरैया अभी भी उसके लिए ट्रंप कार्ड साबित होंगे. दरअसल कांग्रेस फूल सिंह बरैया को ग्वालियर चंबल इलाके में होने वाले उपचुनाव में ट्रंप कार्ड के तौर पर इस्तेमाल करना चाहती है. बहुजन समाज पार्टी का बड़ा चेहरा रहे और उसके बाद अपनी पार्टी बहुजन संघर्ष दल बनाने वाले फूल सिंह बरैया लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे. फूल सिंह बरैया का ग्वालियर चंबल इलाके में अनुसूचित जाति वर्ग में अच्छी पैठ है. कांग्रेस को उम्मीद है कि भले ही राज्यसभा की सीट उनके खाते में नहीं जाए लेकिन 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस के पक्ष में अनुसूचित वर्ग के वोट बैंक को साधने में फूल सिंह बरैया ट्रंप कार्ड साबित होंगे.
उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी की जीत में बड़ा रोल अदा करेंगे
पूर्व मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा है कि फूल सिंह बरैया अनुसूचित जाति वर्ग का बड़ा चेहरा हैं और उपचुनाव में वो कांग्रेस पार्टी की जीत में बड़ा रोल अदा करेंगे. वहीं बदले सियासी गणित के बाद बीजेपी उत्साहित है. कांग्रेस के फूल सिंह बरैया को राज्यसभा में दूसरे नंबर पर रखने को बीजेपी अनुसूचित जाति वर्ग का अपमान बता रही है. ऐसा करने के पीछे उसकी मंशा कांग्रेस की तरफ जाने वाले अनुसूचित जाति वर्ग के वोटों में बिखराव लाकर उसे रोकना है.दरअसल राज्य में 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में अनुसूचित जाति वर्ग का एक बड़ा वोट बैंक है जो हर सीट पर उम्मीदवारों की जीत-हार का फैसला करेगा. ग्वालियर चंबल इलाके में 16 सीटों पर अनुसूचित जाति वोट निर्णायक भूमिका में हैं. यही कारण है कि कांग्रेस ने फूल सिंह बरैया का नाम आगे कर ग्वालियर चंबल इलाके में इस वर्ग को साधने का प्लान बनाया है. वहीं बीजेपी राज्यसभा की सीट के लिए बरैया का नाम नंबर दो पर रखने को अनुसूचित जाति वर्ग का अपमान बता कर कांग्रेस को घेरने का प्रयास कर रही है. बहराल विधानसभा उपचुनाव में फूल सिंह बरैया कांग्रेस के लिए कितने मददगार साबित होते हैं यह चुनाव बाद नतीजे आने पर ही पता चलेगा.
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