संसार की महामारियों का इतिहास बताता है कि सारी महामारियाँ हर युग में नगरों से प्रारम्भ होतीं हैं पर वे गाँवों को तबाह कर देती है – राजीव शर्मा

शहडोल संभाग के कमिश्नर राजीव शर्मा की यह बात वर्तमान में प्रासंगिक दिखाई दे रही है। सभी ने देखा कि इस कोरोना की महामारी ने हम सभी को उन गांव की याद दिलाई और जो अपने घर से दूर थे, जिनके बच्चे और परिवार उस मातृभूमि की तरफ आना पसंद नहीं करते थे, लेकिन इस The post संसार की महामारियों का इतिहास बताता है कि सारी महामारियाँ हर युग में नगरों से प्रारम्भ होतीं हैं पर वे गाँवों को तबाह कर देती है – राजीव शर्मा first appeared on saharasamachar.com.
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संसार की महामारियों का इतिहास बताता है कि सारी महामारियाँ हर युग में नगरों से प्रारम्भ होतीं हैं पर वे गाँवों को तबाह कर देती है – राजीव शर्मा

शहडोल संभाग के कमिश्नर राजीव शर्मा की यह बात वर्तमान में प्रासंगिक दिखाई दे रही है। सभी ने देखा कि इस कोरोना की महामारी ने हम सभी को उन गांव की याद दिलाई और जो अपने घर से दूर थे, जिनके बच्चे और परिवार उस मातृभूमि की तरफ आना पसंद नहीं करते थे, लेकिन इस महामारी में अगर उन्हें किसी ने प्रसय दिया तो वह है ‘ गाँव ‘

गांव में ही वह सब कुछ है जो कहीं नहीं है, कारण तो यह है कि इस आपाधापी में हम उस मातृभूमि को भूल ही गये थे।

पढ़िये क्या लिखा है शहडोल कमिश्नर राजीव शर्मा ने..

प्यारे दोस्तों संसार की महामारियों का इतिहास बताता है कि सारी महामारियाँ हर युग में नगरों से प्रारम्भ होतीं हैं पर वे गाँवों को तबाह कर देती हैं. शहडोल आकर सबसे पहले मैंने इसीलिये ग्रामों और वन क्षेत्रों में आवागमन रोकने, जनता कर्फ्यू लगाने पर जोर दिया. अब जब पूरी जनता अपने घरों में कैद से छूटने का इंतजार कर रही है, बच्चे, बूढ़े, जवान सब त्रस्त हैं तब हमारी विवशता है कि इस कैद को तब तक बढ़ाते रहें जब तक कि बीमारी कम न हो जाये.

संक्रमण की चैन टूट नहीं सकती जब तक आप स्वतः संकल्प न लें. जब तक विद्यार्थी, युवा, बुजुर्ग, महिलायें, बच्चे सब चैतन्य होकर कोरोना प्रोटोकॉल को आचरण में नहीं पालन करेंगे तब तक ये कैद ख़त्म नहीं हो सकती. जनता कर्फ्यू ख़त्म करना आपके हाथ में है. यदि दस दिन भी हम और आप ठीक से पालन कर लें तो जून के प्रथम सप्ताह में हम आप आजादी की साँस ले सकते हैं. रोकिये और टोकिये. मास्क नाक के ऊपर रखना है नीचे नहीं.

जहाँ भी भीड़ हो वहाँ से लौट आइये. शादी, पार्टी, पूजा, शवयात्रा से दूर रहिये… ये आत्मघाती हैं अभी. मान जाइये…. इस युद्ध में हम और आप याने प्रशासन और जनता जनार्दन दो विरोधी पक्ष नहीं हैं. जितनी जल्दी आप यह समझ पायें हम आपकी बेहतर सेवा कर पायेंगे. तुम डाल डाल हम पात पात का रवैय्या न आपके हित में है न देश के. खो खो या कबड्डी नहीं खेलना है दोस्तों मिलकर जीतना है…. मिलकर चलना है. आप सुन रहे हैं ना.

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