हनुमाना के बरोही में मातृ देवो भव विचार संगोष्ठी वक्ताओं ने कहा सृष्टि में माता का सर्वोच्च स्थान…

रीवा मध्य प्रदेश सम्पति दास गुप्ता हनुमाना के बरोही में मातृ देवो भव विचार संगोष्ठी वक्ताओं ने कहा सृष्टि में माता का सर्वोच्च स्थान हनुमना मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर ग्राम बरोही मैं स्वर्गीय राजू देवी पांडे की स्मृति में 18वीं पुण्यतिथि पर आयोजित मातृ देवो भव कार्यक्रम में जहां प्रदेशभर से विभिन्न राजनीतिक सामाजिक The post हनुमाना के बरोही में मातृ देवो भव विचार संगोष्ठी वक्ताओं ने कहा सृष्टि में माता का सर्वोच्च स्थान… first appeared on saharasamachar.com.
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हनुमाना के बरोही में मातृ देवो भव विचार संगोष्ठी वक्ताओं ने कहा सृष्टि में माता का सर्वोच्च स्थान…

रीवा मध्य प्रदेश

सम्पति दास गुप्ता

हनुमाना के बरोही में मातृ देवो भव विचार संगोष्ठी वक्ताओं ने कहा सृष्टि में माता का सर्वोच्च स्थान हनुमना मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर ग्राम बरोही मैं स्वर्गीय राजू देवी पांडे की स्मृति में 18वीं पुण्यतिथि पर आयोजित मातृ देवो भव कार्यक्रम में जहां प्रदेशभर से विभिन्न राजनीतिक सामाजिक व धार्मिक क्षेत्रों की हस्तियों ने सृष्टि में माता का सर्वोच्च स्थान बताते हुए कहां की माता का हृदय ही ऐसा होता है।

हनुमाना के बरोही में मातृ देवो भव विचार संगोष्ठी वक्ताओं ने कहा सृष्टि में माता का सर्वोच्च स्थान…

जो अपने पुत्रों के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देती है उल्लेखनीय है कि पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी के मुख्य अतिथि एवं विधायक प्रदीप पटेल लोकतंत्र सेनानी सुभाष श्रीवास्तव अवकाश प्राप्त प्राध्यापक डॉक्टर रघुवंश प्रसाद शुक्ला के विशिष्ट आतिथ्य एवं मुख्य वक्ता जाने-माने साहित्यकार शिक्षाविद डॉक्टर लहरी सिंह तथा कार्यक्रम के अध्यक्ष अवकाश प्राप्त शिक्षक एपी उपाध्याय की अध्यक्षता में हुए।

कार्यक्रम में सर्वप्रथम मां वीणा वादिनी सरस्वती एवं संत शिरोमणि साकेत वासी सदगुरुदेव राम हर्षण दास जी महाराज की प्रतिमा के सामने माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन कर अतिथियों द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया तत्पश्चात समस्त अतिथियों का माल्यार्पण एवं बैच लगाकर स्वागत किया गया इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही स्वागत गीत कार्यक्रम आयोजक कवि हृदय साहित्यकार जानकी प्रसाद पांडे उपाध्य दर्पण के परिजनों द्वारा विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।

विधायक श्री पटेल ने धरती माता गौ माता एवं जन्म देने वाली माताओं का तुलनात्मक विवेचन करते हुए कहा कि धरती माता की सामान्य मिट्टी खाने से वह स्वाद नहीं मिलता जो उसी मिट्टी मैं पैदा हुए मीठे गन्ने या अन्य फलों को चूसने से मिलता है उसी प्रकार गौमाता हो या जन्म देने वाली हमारी माता सभी अपने शरीर के संपूर्ण तत्व को अपनी औलाद को दे देने में ही अपना कर्तव्य समझती है।

उन्होंने माताओं द्वारा अपने ही पुत्रों को धरती मां की रक्षा में तिलक करके आरती उतारकर दुश्मन का सीना छलनी करने के लिए रण स्थल पर भेजकर किस प्रकार लाशों के ढेर लगा लगा देने पर खुश होती हैं एवं बलिदान होने पर गर्व करते हैं जैसे प्रेरक प्रसंग रखते हुए संस्कारों के बल पर ही भारत की महानता वह भारतीय नारियों की विशेषता बताइए मुख्य अतिथि पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी ने भी माताओं पर अनेक प्रसंग उद्धृत करते हुए कहा कि माता के रण से हम कभी मुक्त नहीं हो सकते समाजवादी चिंतक तथा लोकतंत्र सेनानी सुभाष श्रीवास्तव ने कहा माता ना होती तो हमारा जन्म ही ना होता आज हम जो कुछ भी है माता के ही कारण है दत्ता भगवान प्रसाद शुक्ला ने कहा कि कि माता भूमि पुत्रोंहम पृथ्वी अर्थात हम सभी धरती माता के पुत्र हैं।

इसलिए सभी का मां भारती की रक्षा करना ही एकमात्र कर्तव्य है मुख्य वक्ता डॉ लहरी सिंह अपने सारगर्भित और उद्बोधन में अनेक विद्वानों एवं शास्त्रों तथा वेदों का भी उल्लेख करते हुए मां की माता का वर्णन कर लोगों को भाव विभोर कर दिया इसके अतिरिक्त अनेकों उपस्थित वक्ताओं ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार संपति दासगुप्ता का भी बैच लगाकर माल्यार्पण व साल श्रीफल के साथ सम्मान किया गया समस्त सांस्कृतिक सौभाग्य को प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत किया गया जानकी प्रसाद पांडे आयोजक ने भी अनेक अपनी रचनाओं के माध्यम से मां की महत्ता व ग्रामीण परिवेश में मां की पुण्यतिथि पर ऐसे आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला इस अवसर पर भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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