हिन्दू क्षत्रिय वाहिनी के गठन का उद्देश्य क्षत्रिय समाज को संगठित करने सहित क्षत्रिय समाज कल्याण कि दिशा में कार्य…
लिए निम्नलिखित विषयो पर काम किया जा रहा है:-
1 वैवाहिक समस्या;-इसके लिए वैवाहिकी ग्रुप तैयार कर ज़रूरत मन्द परिवार को निःशुल्क वर-वधू के बायोडाटा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।क्षत्रिय परिवारों को वर/वधु से सम्बंधित जानकारी उपलब्ध कराया जा रहा है।
2 छात्र/छात्राओ हेतु कैरियर कॉउंसलिंग, पर्सनाल्टी डेवलपमेंट, डाउट क्लास के माध्यम से समाज के विशेषज्ञों के माध्यम से मार्गदर्शन देने का प्रयास किया जा रहा है।इस ग्रुप में देश भर के कोचिंग संस्थान जिसमे क्षत्रिय समाज के विशेषज्ञ लोगो की मदद ली जा रही है।
3 कोटा,इंदौर,दिल्ली,दुर्ग व रायपुर जैसे स्थानों में परिवार से दूर रहकर अध्ययन रत छात्रों से सतत सम्पर्क रख कर उन की समस्याओं और उनकी गतिविधियों पर सतत नज़र रखे जाने का प्रयास किया जा रहा है।इसके लिए युवाओ की टीम वरिष्ठ जनों के नेतृत्व में तैयार की जा रही है।इसके लिए कोचिंग संस्थान से सम्पर्क कर जानकारी स्वजातीय छात्रों की जानकारियां ली जाएंगी,व हेल्प लाइन नम्बर भी जारी किए जा रहे हैं।
4 चिकित्सा आज की सबसे बड़ी समस्या बनी हुई इसके लिए प्रदेश भर के चिकित्सा से जुड़े स्वजातीय समूह तैयार किया जा रहा है इसमें निःशुल्क चिकित्सीय परामर्श के साथ चिकित्सालयों व चिकित्सको की जानकारी उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा,मेडिकल इंश्योरेंस, मेडिकल आर्थिक सहयोग का भी प्रावधान किया जाएगा।
5 ब्लड ग्रुप तैयार किया गया है,जिसके माध्यम से तत्काल निशुल्क ब्लड उपलब्ध हो सके इस जिला वार जानकारी रखकर पृथक से ग्रुप तैयार कर संपर्क नम्बर जारी किए जा रहे हैं।
6 स्वजातीय प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ियों की जानकारी संकलित कर उन्हें कोचिंग, प्रतियोगिता, शासकीय आर्थिक मदद,वे खेलो को व्यवसायिक रूप से चुन सके इसके लिए खेलो की कोचिंग व स्वजातीय विशेषज्ञों का सहयोग से सहयोग से क्रीड़ा प्रकोष्ठ गठित कर युवा खिलाड़ियों को ज़रूरी मार्गदर्शन दिया जा रहा है।
7 साहित्य के क्षेत्र में स्वजातीय लोगो को मंच उपलब्ध कराया जाएगा,उनकी रचनाओं को प्रकाशित करने में सहयोग किया जाएगा,स्वजातीय लेखकों के लेखों के प्रकाशन में मदद के साथ ही जिला स्तर पर पुस्तकालय व राजपूताना साहित्य,गौरवशाली इतिहास से सम्बंधित पुस्तकों को उपलब्ध कराया जाएगा।इस हेतु पृथक से साहित्यिक प्रकोष्ट का गठन किया गया है।इस ग्रुप में देश भरके रचनाकारो को जोड़ा जा रहा है।
8 प्रत्येक वर्ष स्वजातीय प्रतिभाओ को सम्मानित किया जाएगा,साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर किन्तु प्रतिभाशाली-योग्य युवाओ को आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाएगा।
9 हर वर्ष ब्लॉक स्तर से राष्ट्रीय स्तर तक वरिष्ठ जनों का सम्मान समारोह पूर्वक आयोजन कर किया जाएगा।
10 प्रत्येक वर्ष सम्भागीय स्तर पर संस्कार शिविर आयोजित कर राजपूताना संस्कृति, सभ्यता, व रीतिरिवाजों परम्पराओं,पूजा पद्धति,कुल देवी ,देवता कुल गोत्र आदि का ज्ञान आवासीय शिविर के माध्यम से दिया जाएगा।
11 सामाजिक बुराइयां दहेज,मृत्यु भोज आदि के विरुद्ध सामाजिक वातवरण तैयार कर इसके समूल नाश का प्रयास किया जाएगा।
12 स्वजातीय व्यवसायी को एकजुट कर सामुहिक व परस्पर सहयोग कर व्यावसायिक प्रगति के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
13 समाज के भवन,ऐतिहासिक महापुरुषों सार्वजनिक स्थल पर लगाई गई प्रतिमाओं के उचित संरक्षण व रखरखाव हेतु पृथक से स्वजातीय समूह व शासकीय सहयोग लिया जाएगा।
14 समाज कैसे एक साथ परस्पर सहयोग से प्रगतिशील,सक्षम,व समर्थ बन सके इसके लिए मार्गदर्शक मंडल से सुझाव लेकर उसे मूर्त रूप दिया जाएगा।आप सभी आदरणीय सम्माननीय जनों को यथोचित सादर अभिवादन
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