विषमता का विषाणु: वैश्विक असमानता रिपोर्ट 2021 पर रायपुर में हुई चर्चा…

रायपुर छत्तीसगढ़ विषमता का विषाणु शीर्षक से जारी वैश्विक असमानता रिपोर्ट ऑक्सफैम द्वारा जारी की गयी। पिछले बरस कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में जहाँ स्वास्थ्य आपातकाल की चिंता की लम्बी लकीर खिंच दी थी, उसे गहराती असमानता ने और भी लम्बा खिंच दिया। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा, जहाँ कोरोना से निपटने के The post विषमता का विषाणु: वैश्विक असमानता रिपोर्ट 2021 पर रायपुर में हुई चर्चा… first appeared on saharasamachar.com.
 

रायपुर छत्तीसगढ़

विषमता का विषाणु शीर्षक से जारी वैश्विक असमानता रिपोर्ट ऑक्सफैम द्वारा जारी की गयी। पिछले बरस कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में जहाँ स्वास्थ्य आपातकाल की चिंता की लम्बी लकीर खिंच दी थी, उसे गहराती असमानता ने और भी लम्बा खिंच दिया।

भारत भी इससे अछूता नहीं रहा, जहाँ कोरोना से निपटने के लिए जल्द ही और सख्त लॉकडाउन लगाया गया। यह लॉकडाउन गरीबों और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को गरीबी की ओर धकेलने के लिए जिम्मेदार रहा, पर दूसरी ओर भारतीय उद्योगपतियों की संपत्ति लॉकडाउन के दौरान 35 फीसदी तक बढ़ गयी। वर्ष 2020 में मार्च से दिसंबर के बीच देश के अरबपतियों की संपदा में करीब 13 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हो गया, नुक्सान तो देश की अर्थव्यवस्था का दिखाई दिया। अरबपतियों के इस इजाफे को देश के निर्धनतम 13.8 करोड लोगों में बांटा जाता, तो सभी को 94,045 रुपये मिल सकते थे. भले ही, कोरोना का खतरा सभी को रहा, क्योंकि इसका विषाणु किसी से भेदभाव नहीं रखता, पर असमानता का विषाणु सिर्फ आम जनता को ही डसता है।

प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए आनंद शुक्ल ने कहा की असमानता रिपोर्ट ऑक्सफैम की असमानता को कम करने के प्रयासों का एक हिस्सा है। यह रिपोर्ट वैश्विक स्तर पर असमानता का विश्लेषण करने का प्रयास करती है।

चर्चा को संबोधित करते हुए, स्वास्थ्य अधिकार विशेषज्ञ, डा. योगेश जैन ने कहा कि इस महामारी ने हमें सिखाया कि जन स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने की नितांत आवश्यकता है। हमारे देश में संपन्न तबके ने अपने को अलग रख, कोविड संक्रमण से काफी हद तक बचे रहे। यह बीमारी शहरो से शुरू हो कर गाँव की तरफ गयी। इसका सबसे ज्यादा नुक्सान, गरीबों को अपनी आजिविका खोकर चुकानी पड़ी।

अपने उद्बोधन में श्री प्रदीप शर्मा, सलाहकार, माननीय मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ शासन, ने कहा कि स्थानीय से लेकर वैश्विक स्तर तक परिवर्तन लाने की ज़रूरत है। छत्तीसगढ़ में ऐसे प्रयासों का स्वागत है। हमें मिलकर, स्थानीय लोगों की समृद्धि के संकेतक देखने की जरुरत है।

रिपोर्ट के सम्बन्ध में ऑक्सफैम इंडिया के मुख्य कार्यकारी अमिताभ बेहार का मानना है कि-अन्यायपूर्ण आर्थिक व्यवस्था से कैसे अति संपन्न अभिजात, सबसे बड़े आर्थिक संकट व मंदी के बीच अत्यधिक संपदा संचित करते है,जबकि करोड़ों लोग कठिनाई से गुजर बसर करने के लिए भी संघर्ष करते हैं। कोरोना महामारी ने पहले से मौजूद आर्थिक, जातिगत, सामाजिक, लैंगिक दूरियों को और बढाया है। भारत के 11 अरबपतियों की आय में हुई बढ़ोत्तरी से अगले १० वर्षों तक मनरेगा या स्वास्थ्य मंत्रालय का मौजुदा बजट मिल सकता था।”

चर्चा में यह भी बताया गया कि इस रिपोर्ट में ऑक्सफैम ने 79 देशों के 295 अर्थशास्त्रियों द्वारा नए वैश्विक सर्वेक्षण को कमीशन किया, जिसमे 87% की आशंका है कि महामारी के कारण उनके देश में असमानता तेजी से बढ़ेगी।

ऑक्सफैम इंडिया का मानना है की कोविड-19 के आगे के समय में धनाड्य व्यक्तियों व बड़ी कम्पनियों पर अधिक टैक्स लगाने की ओर बढ़ना चाहिए। लोक स्वास्थ्य व्यवस्था को सशक्त करने के लिए स्वास्थ्य खर्च को बढ़ाये जाने की जरुरत है। अभी भारत इस मामले में दुनिया में नीचे से चौथे स्थान पर है। देश के 11 बड़े अरबपतियों की संपत्ति में केवल महामारी के दौरान हुई वृद्धि पर एक फीसदी भी टैक्स लगाया जाये, तो जन औषधि जैसी गरीबों के लिए जरुरी स्कीम के आवंटन को 140 गुना बढाया जा सकता है।

डा.प्रियंका शुक्ला, संयुक्त सचिव, लोक स्वास्थ्य, छत्तीसगढ़ शासन ने कहा कि कोविड महामारी ने लोगो के स्वास्थ्य सेवा की पहुँच को बुरी तरह प्रभावित किया, खासकर, गरीब व दूरस्थ ग्रामीणों को। पर छत्तीसगढ़ में जन स्वास्थ्य व्यवस्था ने इसे अच्छी तरह से डील किया। दूरस्थ इलाके में उत्तम तरीके से कोविड केयर उपलब्ध कराया, हर जिले में ICU की बेहतर व्यवस्था कर संक्रमण मुक्त प्रबंधन किया गया,जिसमे ओक्सिजन युक्त बेड की व्यवस्था प्रमुख थी।

चर्चा को मितवा संस्था की विद्या राजपूत, समर्थ की पुष्पलता, शोर संस्था के डा. थॉमस, घरेलू कामगार संघ से ममता और युवा सामाजिक कार्यकर्त्ता विनयशील ने भी संबोधित किया।

रिपोर्ट की संस्तुतियों को प्रस्तुत करते हुए प्रकाश गार्डिया ने कहा की यह रिपोर्ट आग्रह करती है ‘किसी भी आर्थिक असमानता से उबारने के प्रयासों के मूल में असमानता को कम करने का उद्देश्य होना चाहिए’। एक ऐसे विश्व का निर्माण हो जिसमे पर्यावरणीय सुरक्षा, समता और समानता हो।

आज के कार्यक्रम में शहर की संस्थाओं के प्रमुख, बुद्धिजीवी,युवा, सफाईकर्मी व मिडिया के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

ऑक्सफैम इंडिया – ऑक्सफैम इंडिया ऑक्सफैम इंटरनेशनल परिसंघ का सदस्य है. ऑक्सफैम इंटरनेशनल 21 विभिन्न ऑक्सफैम का परिसंघ है जिसका भारत में विगत 60 वर्षों से ज्यादा समय तक काम करने का इतिहास रहा है।

ऑक्सफैम अधिकार आधारित संगठन है जो ज़मीनी स्तर के कार्यक्रमों को (सहभागी संस्थाओं के जरिये) स्थानीय, राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर वकालत और निर्णय-प्रक्रिया से जोड़कर गरीबी और अन्याय से लड़ते हैं, ऑक्सफैम इंडिया का लक्ष्य चार विषयगत क्षेत्रों को जोड़ते हुए एक सर्वांगीण कार्यक्रम के द्वारा लोगों के लिए गरिमापूर्ण जीवन को सुगम बना है। ये विषयगत क्षेत्र हैं: आर्थिक न्याय, अनिवार्य सेवाएं, लैंगिक समानता और मानवीय प्रत्युतर एवं आपदा जोखिम निवारण।

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