ईरान ने डोनाल्ड ट्रंप की गिरफ्तारी के लिए जारी किया वारंट, इंटरपोल से मांगी मदद
[ad_1]
डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)
– फोटो : पीटीआई
ख़बर सुनें
हालांकि, ईरान के इस कदम से ट्रंप को गिरफ्तारी का कोई खतरा नहीं है। लेकिन, इन आरोपों से ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ता तनाव साफ दिखता है। ईरान और दुनिया की प्रमुख शक्तियों के साथ हुए परमाणु समझौते से ट्रंप के अलग हो जाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव फिर बढ़ गया था। ईरान ट्रंप का कार्यकाल खत्म होने के बाद भी अभियोजन को जारी रखेगा।
तेहरान के अभियोजक अली अलकासीमहर ने कहा कि ईरान ने तीन जनवरी को बगदाद में हुए हमले में ट्रंप और 30 से अधिक अन्य लोगों के शामिल रहने का आरोप लगाया है। इस हमले में जनरल कासिम सुलेमानी की मौत हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अलकासीमर ने ट्रंप के अलावा किसी अन्य की पहचान नहीं की।
वहीं, इंटरपोल से मदद की गुहार को लेकर फ्रांस के लियोन में स्थित इंटरपोल ने टिप्पणी के अनुरोध पर तत्काल कोई जवाब नहीं दिया है। ऐसी संभावना भी नहीं है कि इंटरपोल ईरान के अनुरोध को स्वीकार करेगा क्योंकि उसके दिशानिर्देश के अनुसार वह किसी राजनीतिक मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है।
ईरानी रिवॉल्युशनरी गार्ड के कुद्स फोर्स के मुखिया को अमेरिका ने तीन जनवरी को ड्रोन हमले में मारा था जब वह अपने काफिले के साथ बगदाद में थे। ईरान ने इसका जवाब इराक के अल-असद और इबरिल स्थित दो अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर 22 मिसाइलें दाग कर दिया। उसके बाद दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ने की आशंका गहरी हो गई थी।
जनरल सुलेमानी की मौत के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह खामनेई ने इसका बदला लेने की बात कही थी। खामनेई ने कहा था कि सुलेमानी की मौत ने अमेरिका और इस्रायल के खिलाफ ईरान के विरोध को दोगुना कर दिया है।
वहीं, अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियों ने कहा है कि ईराम अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के निरीक्षकों के नहीं आने दे रहा है। साथ ही वह संभावित अघोषिक परमाणु सामग्रियों और गतिविधियों की जांच में भी आईएईए के साथ सहयोग नहीं कर रहा है। पोम्पियो ने कहा कि ऐसे में गंभीर सवाल उठता है कि तेहरान क्या छिपाने की कोशिश कर रहा है।
हालांकि, ईरान के इस कदम से ट्रंप को गिरफ्तारी का कोई खतरा नहीं है। लेकिन, इन आरोपों से ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ता तनाव साफ दिखता है। ईरान और दुनिया की प्रमुख शक्तियों के साथ हुए परमाणु समझौते से ट्रंप के अलग हो जाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव फिर बढ़ गया था। ईरान ट्रंप का कार्यकाल खत्म होने के बाद भी अभियोजन को जारी रखेगा।
तेहरान के अभियोजक अली अलकासीमहर ने कहा कि ईरान ने तीन जनवरी को बगदाद में हुए हमले में ट्रंप और 30 से अधिक अन्य लोगों के शामिल रहने का आरोप लगाया है। इस हमले में जनरल कासिम सुलेमानी की मौत हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अलकासीमर ने ट्रंप के अलावा किसी अन्य की पहचान नहीं की।
इंटरपोल ने नहीं दिया कोई जवाब
वहीं, इंटरपोल से मदद की गुहार को लेकर फ्रांस के लियोन में स्थित इंटरपोल ने टिप्पणी के अनुरोध पर तत्काल कोई जवाब नहीं दिया है। ऐसी संभावना भी नहीं है कि इंटरपोल ईरान के अनुरोध को स्वीकार करेगा क्योंकि उसके दिशानिर्देश के अनुसार वह किसी राजनीतिक मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है।
तीन जनवरी को हुआ था ड्रोन हमला
ईरानी रिवॉल्युशनरी गार्ड के कुद्स फोर्स के मुखिया को अमेरिका ने तीन जनवरी को ड्रोन हमले में मारा था जब वह अपने काफिले के साथ बगदाद में थे। ईरान ने इसका जवाब इराक के अल-असद और इबरिल स्थित दो अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर 22 मिसाइलें दाग कर दिया। उसके बाद दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ने की आशंका गहरी हो गई थी।
खामनेई ने कही थी बदला लेने की बात
जनरल सुलेमानी की मौत के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह खामनेई ने इसका बदला लेने की बात कही थी। खामनेई ने कहा था कि सुलेमानी की मौत ने अमेरिका और इस्रायल के खिलाफ ईरान के विरोध को दोगुना कर दिया है।
कुछ छिपाने की कोशिश कर रहा है तेहरान : पोम्पियो
वहीं, अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियों ने कहा है कि ईराम अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के निरीक्षकों के नहीं आने दे रहा है। साथ ही वह संभावित अघोषिक परमाणु सामग्रियों और गतिविधियों की जांच में भी आईएईए के साथ सहयोग नहीं कर रहा है। पोम्पियो ने कहा कि ऐसे में गंभीर सवाल उठता है कि तेहरान क्या छिपाने की कोशिश कर रहा है।
आगे पढ़ें
इंटरपोल ने नहीं दिया कोई जवाब
[ad_2]
The post ईरान ने डोनाल्ड ट्रंप की गिरफ्तारी के लिए जारी किया वारंट, इंटरपोल से मांगी मदद first appeared on saharasamachar.com.