सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करें मध्य प्रदेश शासन

सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करें मध्य प्रदेश शासन
 

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सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करें मध्य प्रदेश शासन

भोपाल। सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश जारी किया है कि अस्थाई कर्मचारियों को भी स्थाई कर्मचारियों के बराबर ही वेतन दिया जाए क्योंकि संविधान का सिद्धांत है कि समान कार्य का समान वेतन दिया जाना चाहिए इस संवैधानिक अधिकार का कोई भी सरकार हनन नहीं कर सकती है सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को दिल्ली राज्य सरकार ने लागू करने का निर्णय लिया है कर्मचारी मंच में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का स्वागत किया है तथा मध्य प्रदेश शासन के मुख्य सचिव को पत्र मध्य प्रदेश में भी अस्थाई कर्मचारियों के हित में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश तत्काल लागू करने की मांग करी है।

मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस जेएस खेहर एवं एस ए बोबडे की खंडपीठ ने हरियाणा और पंजाब सरकार की अपील को खारिज करते हुए एक ऐतिहासिक फैसला दिया है कि देश में अस्थाई कर्मचारियों को भी स्थाई कर्मचारियों के बराबर वेतन दिया जाए यदि अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई कर्मचारियों के बराबर वेतन नहीं दिया जाता है तो वह अस्थाई कर्मचारियों के कार्य का अपमान है कोई भी स्थाई कर्मचारी मनमर्जी से कम वेतन पर कार्य नहीं करता है कम वेतन देना बंधुआ मजदूरी के समान है विभागों में पद रिक्त होने के बावजूद भी कर्मचारियों को अस्थाई या कांटेक्ट में रखना संवैधानिक नियमों के विपरीत है सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का दिल्ली राज्य सरकार ने पालन करने का निर्णय लिया है सर्वोच्च न्यायालय का आदेश देश के सभी राज्य सरकारों के लिए नजीर है इसलिए मध्य प्रदेश सरकार भी मध्य प्रदेश के स्थाई एवं अनियमित कर्मचारियों को भी सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का लाभ देते हुए स्थाई कर्मचारियों के समान वेतन देने के आदेश प्रसारित करें।prajaparkhi