ट्रेनी IPS चर्चा में, कोई कई दिनों से कर रहा था पीछा, लोकेशन करता शेयर
गिरफ्तारी के बाद पता चला कि वह अधिकारी की लाइव लोकेशन अवैध खनन करने वाले ट्रकों के ड्राइवरों के साथ शेयर करता था, ताकि पुलिस के मूवमेंट के आधार पर आसानी से बचकर भागा जा सके।
Updated: Apr 3, 2024, 17:52 IST
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ट्रेनी IPS चर्चा में, कोई कई दिनों से कर रहा था पीछा, लोकेशन करता शेयर गिरफ्तारी के बाद पता चला कि वह अधिकारी की लाइव लोकेशन अवैध खनन करने वाले ट्रकों के ड्राइवरों के साथ शेयर करता था, ताकि पुलिस के मूवमेंट के आधार पर आसानी से बचकर भागा जा सके।
ग्वालियर: अवैध खनन के मामले में बदनाम ग्वालियर में पुलिस ने एक ऐसे शख्स को धर दबोचा जो कि एक प्रशिक्षु लेडी IPS अफसर लोकेशन लगातार ट्रेस कर रहा था और उसे अवैध खनन माफियाओं तक पहुंचा रहा था। महिला अधिकारी का नाम अनु बेनीवाल है जिन्होंने इलाके में अवैध खनन के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है और इसी से परेशान खनन माफियाओं ने उन पर नजर रखने के लिए इस शख्स को जिम्मेदारी दी थी। आरोपी बीते 25 दिनों से महिला अफसर का पीछा कर रहा था, जिसके बाद अधिकारी को शक होने पर उन्होंने उसे पकड़वाया और गिरफ्तार करवा दिया। गिरफ्तारी के बाद पता चला कि वह अधिकारी की लाइव लोकेशन अवैध खनन करने वाले ट्रकों के ड्राइवरों के साथ शेयर करता था, ताकि पुलिस के मूवमेंट के आधार पर आसानी से बचकर भागा जा सके।
आरोपी जिन अधिकारी अनु बेनीवाल का पीछा कर रहा था वे भारतीय पुलिस सेवा की प्रशिक्षु अधिकारी हैं और बिजौली में थाना प्रभारी के रूप में पदस्थ होकर ट्रेनिंग कर रहीं है। पुलिस के मुताबिक महिला अधिकारी रूटीन चैकिंग पर निकली थीं, इसी दौरान उन्हें सफेद रंग की एक कार दिखी, जिसका नंबर MP07 CD0638 था। उसे देखते ही उन्हें शक हुआ कि यह कार बीते कई दिनों से उनके आसपास नजर आ रही है। फिर उन्होंने एक आरक्षक को भेजकर उस कार के चालक को बुलावाया, लेकिन आने की जगह वो कार चालक आरक्षक से ही उलझ गया। इसके बाद अन्य पुलिसकर्मी वहाँ पहुंचे और उसे दबोचकर थाने लेकर आ गए।jsr
आरोपी जिन अधिकारी अनु बेनीवाल का पीछा कर रहा था वे भारतीय पुलिस सेवा की प्रशिक्षु अधिकारी हैं और बिजौली में थाना प्रभारी के रूप में पदस्थ होकर ट्रेनिंग कर रहीं है। पुलिस के मुताबिक महिला अधिकारी रूटीन चैकिंग पर निकली थीं, इसी दौरान उन्हें सफेद रंग की एक कार दिखी, जिसका नंबर MP07 CD0638 था। उसे देखते ही उन्हें शक हुआ कि यह कार बीते कई दिनों से उनके आसपास नजर आ रही है। फिर उन्होंने एक आरक्षक को भेजकर उस कार के चालक को बुलावाया, लेकिन आने की जगह वो कार चालक आरक्षक से ही उलझ गया। इसके बाद अन्य पुलिसकर्मी वहाँ पहुंचे और उसे दबोचकर थाने लेकर आ गए।jsr