Driving Licence: ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अब नहीं काटने होंगे RTO के चक्कर, यहां देखें नया नियम
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ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अब नहीं काटने होंगे RTO के चक्कर, यहां देखें नया नियम
New Delhi : उत्तर प्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना अब उतना आसान नहीं होगा। सड़क हादसों के बढ़ते मामलों को देखते हुए शासन ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया में बदलाव कर दिया है। अब स्थाई लाइसेंस से पहले आवेदक को एक माह की ट्रेनिंग लेनी होगी। ट्रेनिंग का प्रमाणपत्र आवेदन के साथ लगाना होगा, तभी ड्राइविंग लाइसेंस मिल सकेगा। ट्रेनिंग के लिए स्कूल खोलने की प्रक्रिया विभाग ने शुरू कर दी है।
अभी तक नहीं थी ये अनिवार्यता
वाहन चालक के लिए पहले अस्थाई लाइसेंस बनवाया जाता है। अस्थाई लाइसेंस बनने के बाद छह माह के भीतर स्थाई लाइसेंस के लिए आवेदन करना होता है। अभी तक स्थाई लाइसेंस के लिए आवेदन के साथ ड्राइविंग की ट्रेनिंग का प्रमाणपत्र लगाने की कोई अनिवार्यता नहीं थी। कार्यालय पर वाहन चलवाकर देखने के बाद ही आवेदक के लाइसेंस को जारी करने के लिए मंजूरी दे दी जाती थी।
ड्राइविंग स्कूलों की है काफी कमी
जिले में ड्राइविंग स्कूलों की काफी कमी है। मात्र 6 स्कूल ही इस समय संचालित हो रहे हैं। विभाग के स्तर से काई भी ट्रेनिंग स्कूल नहीं है, जिससे वाहन चलाने की ट्रेनिंग लेने में दिक्कतें आती है। प्रत्यायन चालक प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना राष्ट्रीय राजमार्ग,राज्य मार्ग अथवा अन्य जिला मार्ग पर होगी। केंद्र के स्थापना स्थल पर इंटरनेट, ब्राडबैंड टेलीफोन लाइन आदि संचार के साधनों की सुविधा भी रहेगी।
जल्द खोले जाएंगे ट्रेनिंग सेंटर
कासगंज के एआरटीओ राजेश राजपूत ने बताया कि जिले में ट्रेनिंग सेंटर खोले जाने के लिए आवेदन मांगे गए हैं । आवेदन करने के लिए आवेदक विभाग के कार्यालय पर पूरी जानकारी कर सकता है।singraulitak