मुस्लिम समुदाय चाहता है पीएम रखें अयोध्या मस्जिद की आधारशिला? सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कही यह बात

मुस्लिम समुदाय चाहता है पीएम रखें अयोध्या मस्जिद की आधारशिला?
 

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मुस्लिम समुदाय चाहता है पीएम रखें अयोध्या मस्जिद की आधारशिला? सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कही यह बात

नई दिल्ली: अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर का शुभारंभ होने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे। इस बीच खबर यह भी सामने आई कि मुस्लिम समुदाय का एक वर्ग चाहता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में ही धन्नीपुर गांव में बनने वाली मस्जिद की नींव रखें। हालांकि, यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड (यूपीएससीडब्ल्यूबी) ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसा कुछ नहीं है। किसी मस्जिद के लिए भूमिपूजन या शिलान्यास समारोह की अवधारणा और उनका ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं है। इसके अलावा, बोर्ड ने पुराने वास्तुशिल्प डिजाइनों की जगह नई भव्य मस्जिद की बात भी कही है। यह मस्जिद राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आवंटित पांच एकड़ भूमि पर बनेगी।

इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईसीएफ) के प्रवक्ता अतहर हुसैन ने कहा, “बोर्ड की ऐसी कोई योजना नहीं है। ये रिपोर्टें निराधार हैं, क्योंकि मस्जिद के लिए भूमिपूजन या शिलान्यास समारोह की ऐसी कोई अवधारणा नहीं है।”

यह पहली बार नहीं है जब बोर्ड ने मस्जिद के अनुमानित शिलान्यास समारोह से संबंधित सवालों पर अपना रुख साफ किया है। 2020 में मस्जिद परिसर का खाका लॉन्च करते समय मस्जिद के शिलान्यास समारोह के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आमंत्रित करने की योजना को भी बोर्ड ने खारिज कर दिया था।

बोर्ड ने यह भी कहा था कि वह मस्जिद के साथ बनने वाली सार्वजनिक उपयोग की अन्य संरचनाओं के लिए शिलान्या या उद्घाटन समारोह आयोजित कर सकता है। इसके लिए भविष्य में किसी वीवीआईपी को आमंत्रित कर सकता है। मस्जिद के अलावा, सुन्नी बोर्ड की एक भव्य सामुदायिक रसोई, सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल और एक संग्रहालय बनाने की भी योजना है।

26 जनवरी, 2021 को बोर्ड के सदस्यों ने परियोजना को प्रतीकात्मक शुरुआत देने के लिए साइट पर पौधे लगाकर और राष्ट्रीय ध्वज फहराकर औपचारिक रूप से मस्जिद परिसर परियोजना का शुभारंभ किया था। इसके अलावा बोर्ड ने पुराने डिजाइन की जगह मस्जिद के नए डिजाइन का भी खुलासा किया है। इसे औपचारिक रूप से दिसंबर 2020 में लॉन्च किया गया था। नई मस्जिद लगभग 4,500 वर्ग मीटर में बनेगी।

बोर्ड के सदस्यों के मुताबिक, मस्जिद का नया डिजाइन भले ही दूसरों से मिलता जुलता हो, लेकिन आधुनिक समय की सबसे खूबसूरत मस्जिदों में से एक होगी। गुंबद की छत पर शहद के छत्ते के समान ‘मुकर्णस’ (मेहराब) भी होंगे। यह छत पर एक मोनोक्रोमैटिक स्पर्श जोड़ देगा। मस्जिद में कई मेहराबें होंगी जो संरचना को और अधिक सुंदर बनाएंगी। नए डिजाइन के अनुसार, मस्जिद के बाहरी हिस्से को अच्छी तरह से सजाया जाएगा।

मस्जिद की मुख्य संरचना में विशाल खिड़कियां भी होंगी जो कांच और सागौन की लकड़ी से बनी होंगी जो पूरी संरचना को हवादार बनाएंगी। सजावटी लकड़ी के काम के साथ-साथ दीवार के अंदरूनी और बाहरी हिस्से पर आंतरिक प्लास्टर का काम होगा जो संरचना को और अधिक सुंदर बना देगा। कुछ बाहरी हिस्सों में बगीचे, भव्य आंगन, फव्वारे और पानी के जलाशय शामिल होंगे ताकि नमाजियों को मस्जिद में नमाज अदा करने से पहले स्नान करने में मदद मिल सके।jsr