Health: नियमित करें इन तीन योगासनों का अभ्यास, ब्रेन ट्यूमर का खतरा हो सकता है कम
Feb 16, 2025, 09:51 IST
| 
Photo by google
Health: नियमित करें इन तीन योगासनों का अभ्यास, ब्रेन ट्यूमर का खतरा हो सकता है कम
Health: मस्तिष्क संबंधित इस गंभीर बीमारी के बारे में सभी को जागरूक करने के लिए प्रतिवर्ष 8 जून को विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाया जाता है। योग मन और तन दोनों की सेहत के लिए फायदेमंद है। ऐसे में मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियों से बचाव के लिए कुछ योगासन असरदार हैं। ब्रेन ट्यूमर के खतरे को कम करने के साथ ही मस्तिष्क को सेहतमंद रखने के लिए नियमित तीन योगासनों का अभ्यास कर सकते हैं। ताड़ासनTadasana- इस आसन के नियमित अभ्यास से शरीर की मांसपेशियां लचीली होती हैं। आसन के अभ्यास के दौरान गहरी सांस लेने की वजह से फेफड़ों में फैलाव आता है, जिससे इसकी सफाई होती है। इस आसान को करने से एकाग्रता बनी रहती है और श्वास संतुलित रहती है।
अभ्यास का तरीकाMethod of practice- ताड़ासन करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं। ध्यान रखें कि अभ्यास के दौरान कमर और गर्दन झुके नहीं। अब दोनों हाथों को ऊपर करते हुए धीरे धीरे सांस लेते हुए शरीर को खींचें। दो से चार मिनट तक इस अवस्था में रहें और फिर सांस छोड़ते हुए सामान्य अवस्था में आ जाएं। भ्रमण प्राणायामBhramana Pranayama- स्वस्थ दिमाग के लिए नियमित भ्रमण प्राणायाम कर सकते हैं। इस आसन में सांस ली और छोड़ी जाती है, जिसे ब्रीदिंग तकनीक भी कहते हैं। भ्रमण प्राणायाम के अभ्यास से नकारात्मक भावनाएं जैसे क्रोध, झुंझलाहट, निराशा और चिंता से मुक्ति मिल सकती है। वहीं एकाग्रता, स्मृति और आत्म विश्वास में बढ़ावा होता है।
अभ्यास का तरीकाMethod of practice- भ्रमण प्राणायाम करने के लिए टहलते समय शरीर को सीधा रखते हुए सांस धीरे-धीरे लें। अच्छी तरह से गहरी सांस लेते हुए सांस को छोड़ें। ध्यान रखें कि सांस लेने से ज्यादा सांस छोड़ते समय आपको समय लेना है। हर 5 से 7 कदमों के बीच तक अंदर ही सांस को रोके और धीरे धीरे समय लेकर छोड़ें। इस प्रक्रिया को कम से कम 10 बार दोहराएं। वज्रासन Vajrasana- हृदयगति को नियंत्रित करने के लिए वज्रासन का अभ्यास कर सकते हैं। इससे स्ट्रेस हार्मोंन काॅर्टिसोल घटता है और तनाव कम हो सकता है। वज्रासन के अभ्यास से जांघों और पिंडलियों की नसें व मांपेशियां मजबूत होती हैं। वज्रासन करने से पाचन तंत्र भी दुरुस्त रहता है। पीठ व पैर के गर्द में आराम मिलता है।
अभ्यास का तरीकाMethod of practice- वज्रासन के अभ्यास के लिएजमीन पर दोनों पैर फैलाकर सीधे बैठ जाएं। अब दोनों हाथों को कुल्हे के पास फर्श पर टिका लें। ध्यान रखें कि पूरा भार हाथों पर न आएं। पहले दायां और फिर बायां पैर मोड़कर कूल्हे के नीचे ले जाएं। दोनों जांघों और पैर के अंगूठे को आपस में सटा लें।jsr
अभ्यास का तरीकाMethod of practice- ताड़ासन करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं। ध्यान रखें कि अभ्यास के दौरान कमर और गर्दन झुके नहीं। अब दोनों हाथों को ऊपर करते हुए धीरे धीरे सांस लेते हुए शरीर को खींचें। दो से चार मिनट तक इस अवस्था में रहें और फिर सांस छोड़ते हुए सामान्य अवस्था में आ जाएं। भ्रमण प्राणायामBhramana Pranayama- स्वस्थ दिमाग के लिए नियमित भ्रमण प्राणायाम कर सकते हैं। इस आसन में सांस ली और छोड़ी जाती है, जिसे ब्रीदिंग तकनीक भी कहते हैं। भ्रमण प्राणायाम के अभ्यास से नकारात्मक भावनाएं जैसे क्रोध, झुंझलाहट, निराशा और चिंता से मुक्ति मिल सकती है। वहीं एकाग्रता, स्मृति और आत्म विश्वास में बढ़ावा होता है।
अभ्यास का तरीकाMethod of practice- भ्रमण प्राणायाम करने के लिए टहलते समय शरीर को सीधा रखते हुए सांस धीरे-धीरे लें। अच्छी तरह से गहरी सांस लेते हुए सांस को छोड़ें। ध्यान रखें कि सांस लेने से ज्यादा सांस छोड़ते समय आपको समय लेना है। हर 5 से 7 कदमों के बीच तक अंदर ही सांस को रोके और धीरे धीरे समय लेकर छोड़ें। इस प्रक्रिया को कम से कम 10 बार दोहराएं। वज्रासन Vajrasana- हृदयगति को नियंत्रित करने के लिए वज्रासन का अभ्यास कर सकते हैं। इससे स्ट्रेस हार्मोंन काॅर्टिसोल घटता है और तनाव कम हो सकता है। वज्रासन के अभ्यास से जांघों और पिंडलियों की नसें व मांपेशियां मजबूत होती हैं। वज्रासन करने से पाचन तंत्र भी दुरुस्त रहता है। पीठ व पैर के गर्द में आराम मिलता है।
अभ्यास का तरीकाMethod of practice- वज्रासन के अभ्यास के लिएजमीन पर दोनों पैर फैलाकर सीधे बैठ जाएं। अब दोनों हाथों को कुल्हे के पास फर्श पर टिका लें। ध्यान रखें कि पूरा भार हाथों पर न आएं। पहले दायां और फिर बायां पैर मोड़कर कूल्हे के नीचे ले जाएं। दोनों जांघों और पैर के अंगूठे को आपस में सटा लें।jsr