षडयंत्र पूर्वक पद का दुरूप्रयोग कर भ्रष्टाचार करने वाले आरोपीगण को हूई सजा।

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षडयंत्र पूर्वक पद का दुरूप्रयोग कर भ्रष्टाचार करने वाले आरोपीगण को हूई सजा।
भोपाल। विशेष लोक अभियोजक हेमलता कुशवाहा ने बताया कि शनिवार दिनांक 29/03/2025 माननीय विशेष न्यायालय श्री मनोज कुमार सिंह, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के द्वारा जिला सहकारी एवं ग्रामीण विकास बैंक के अधिकारीगण जिनमे विक्रय अधिकारी हरिहर प्रसाद मिश्रा, विजेन्द्र कौशल, महाप्रबंधक अशोक कुमार मुखरईया, सहकारिता निरीक्षक ए.पी.एस. कुशवाहा, परमजीत बेदी को धारा 420 सहपठित धारा 120-बी भादवि 13-1(डी) सहपठित 13(2) पीसी एक्ट में दोष सिद्ध पाते हुये, विक्रय अधिकारी हरिहर प्रसाद मिश्रा, विजेन्द्र कौशल, महाप्रबंधक अशोक कुमार मुखरईया, सहकारिता निरीक्षक ए.पी.एस. कुशवाहा, परमजीत बेदी को धारा 420 सहपठित धारा 120-बी भादवि मे 03-03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2,000-2000 अर्थदण्ड (प्रत्येक आरोपी को) एवं आरोपीगण विक्रय अधिकारी हरिहर प्रसाद मिश्रा, विजेन्द्र कौशल, महाप्रबंधक अशोक कुमार मुखरईया, सहकारिता निरीक्षक ए.पी.एस. कुशवाहा, को धारा 120-बी भादवि एवं धारा 13-1(डी) सहपठित 13(2) पीसी एक्ट में प्रत्येक धारा मे 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास व 2000-2000 रू अर्थदण्ड-, (प्रत्येक आरोपी को) से दण्डित का निर्णय पारित किया है ।
उक्त प्रकरण में शासन की ओर से सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती हेमलता कुशवाहा द्वारा पैरवी की गई है।
घटना का संक्षिप्त विवरण :-
ग्राम फतेहपुर डोगरा तहसील हुजूर जिला भोपाल के कृषक शायरा बानू की लगभग 3.50 एकड भूमि जिसकी कीमत लगभग 1 लाख 76 हजार रूपये थी जिसको आरोपीगण द्वारा षडयंत्र पूर्वक दिनांक 30.06. 2001 आरोपी परमजीत बेदी को उक्त भूमि मात्र 50 हजार रूपये मे नीलाम कर दी गई थी। कृषक शायरा बानू ने कुंआ एवं पम्प के लिये वर्ष 1985-86 मे 18000 रूपये का ऋण लिया था। वर्ष 2000 से 2007 के मध्य कृषि भूमि की नीलामी कार्यवाही का सिलसिला कई वर्षो से चल रहा था तथा ऋणी कृषक को मात्र 9000 रूपये का भुगतान करना शेष रह गया था किन्तु अधिकारियो द्वारा कृषक को बताये बिना एवं विधिवत सूचना ना देकर बंधक भूमि को ऋण राशि न अदा करने पर उनकी भूमि बाजार मूल्य एवं कलेक्टर द्वारा निर्धारित मूल्य से अत्याधिक कम मूल्यो पर अवैधानिक रूप से नियम के विरूद्ध नीलामी कार्यवाही कर धोखाधाडी कर अपने पद का दुरूप्रयोग करते हुए नीलामी संबंधित नोटशीट के कूटरचित दस्तावेज तैयार कर पुष्टि हेतु संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थााऐ भोपाल को भेजा गया जहां उनके द्वारा अवैधानिक रूप से नीलामी की पुष्टि आदेश पारित किया गया। संयुक्त पंजीयक बी.एस. वस्केल की विचारण के दौरान मृत्यु हो गयी थी उक्त लिखित सूचना के आधार पर लोकायुक्त पुलिस द्वारा जॉच कर अपराध पंजीबद्ध किया गया विवेचना उपरान्त अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन साक्ष्य, दस्तोवजों, लिखित तर्को से सहमत होते हुये आरोपीगण उक्त धाराओं से दण्डित किया गया।