डोंडाचूरा रखने वाले बाप-बेटे सहित ड्राईवर को हुई 14-14 साल की सजा एवं 1-1 लाख का जुर्माना

आरोपियों से 175 क्वींटल डोंडाचूरा जप्त  हुआ था 
 
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जिले की सबसे बडी हुई थी कार्यवाही,डोंडाचूरे को मूंगफली के छिलके के साथ पीसकर करते थे व्यांपार आरोपी 

भोपाल। संभागीय जनसम्पर्क अधिकारी श्री मनोज त्रिपाठी, भोपाल ने बताया कि आज दिनांक 25/07/2024 माननीय न्यायालय श्री प्रशांत शुक्ला , विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट, भोपाल के न्यायालय में विशेष प्रकरण क्रमांक  2/2018 थाना  ईटखेडी, भोपाल का अपराध क्रमांक 126/2017  के आरोपीगण बाबू खां एवं बेटे रईस खा निवासी ग्राम बिल्लोद जिला मंदसौर एवं शांतिलाल निवासी- ग्राम आवाखेडी, जिला मंदसौर को धारा 8/15 एनडीपीएस अधिनियम में दोषसिद्ध पाते हुये तीनों आरोपीगण को 14-14 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा एवं 1-1 लाख रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित का निर्णय पारित किया है । उक्त प्रकरण में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक श्री विक्रम सिंह एवं श्री नीरेन्द्र शर्मा द्वारा पैरवी की गई है।

घटना का संक्षिप्तव विवरण :-
    घटना संक्षेप में यह है कि दिनांक 18/10/17 को थाना ईटखेडी के थाना प्रभारी चैनसिंह रघुवंशी को मुखबिर से सूचना मिली थी कि बाबू खां, रईस खां, शांतिलाल परेवाखेडा के जैन गोडाउन में मादक पदार्थ डोंडाचूरा रखे हुऐ है। मुखबिर से सूचना मिलने पर थाना प्रभारी चैन सिंह रघुवंशी ने तात्कालीन अतिरिक्त  पुलिस अधीक्षक श्री समीर यादव की अनुमति लेकर चैन सिंह रघुवंशी अपने स्टाफ एवं 2 नायब तहसीलदारों को साथ लेकर परेवाखेडा के जैन गोडाउन पर पहुंचे जहां पर कि बाबू खां, रईस खां, शांतिलाल मिले तथा गोडाउन का निरीक्षण किया तो उसमें 4 स्थाेनों पर प्लास्टिक की बोरियों के ढेर लगे हुऐ थे, जिनका बारी बारी से निरीक्षण किया। तो 3 ढेरों में डोंडा चूरा का पाउडर तथा एक ढेर में मूंगफली के छिलके मिले। घटना स्थल पर ही तीनों को गिरफ्तार कर माल को सील किया गया और सभी ढेरों से 5-5 किलों के सेंपल निकाले गये, जिन्हें जांच हेतु आरएफएसएल, भोपाल भेजा गया, जहां 3 ढेरों में डोंडा चूरा की पुष्टि हुई। 

संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्याायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया । अभियोजन ने न्यायालय में अपने समर्थन में 12 साक्षियों की साक्ष्य कराई,  जिला अभियोजन अधिकारी श्री राजेन्द्र उपाध्या्य के निर्देशन में विशेष लोक अभियोजक के द्वारा प्रस्तुत किये गये अभियोजन के साक्ष्यी, तर्को एवं दस्तावेजों पर सहमत होकर न्यायालय द्वारा आरोपीगण को दण्डित किया गया ।

    गवाह बनें नायब तहसीलदार ।
    मुखबिर से मिली सूचना पर यह ज्ञात हुआ कि आरोपीगण बडी मात्रा में डोंडा चूरा रखे हुऐ है तथा प्रभावशाली व्यवक्ति है, ऐसी स्थिति में सामान्य गवाह न्यायालय में पलट जाते है । गवाह न्यायालय में न पलटे तथा आरोपीगण को कडी सजा मिले इसलिए प्रकरण में नायब तहसीलदार भोपाल को साक्षी बनाया गया। 

तीन दिन तक चली थी पुलिस की कार्यवाही । 
पुलिस ने जिस स्थान पर कार्यवाही की थी, उस स्थाान पर 3 ढेर लगे हुऐ थे, तीनों ढेरा को पृथक पृथक तोला गया था जिसमें से 593 बोरियां थी, जिनका कुल वजन 175 क्वींंटल था तथा साथ में 187 बोरियां मूंगफली के छिलको की भरी हुई रखी हुई थी, जिनका वजन 112 क्वीं टल था । सभी माल को तोलने में एवं सीलबंद करने में तीन दिनों तक कार्यवाही चलती रही। 

    डोंडा चूरा के साथ मूंगफली के छिलके पीस कर करते थे व्यापार। विवचेना के दौरान आरोपीगण्‍ डोंडा चूरा के साथ मूंगफली के छिलके पीसकर बेचने का व्यांपार करते थे। कम समय में ही ज्यादा पैसा कमाया जा सकें ।