माध्यमिक शिक्षा मंडल का फर्जी लोगो बनाकर अवैध रूप से पेपर विक्रय करने वाले आरोपीगण को 2-2 साल की सजा
भोपाल। संभागीय जनसम्पर्क अधिकारी श्री मनोज त्रिपाठी , भोपाल ने बताया कि दिनांक 02/05/ 2024 माननीय न्यायालय श्रीमान अरूण सिंह मुख्य न्यायिक मजिट्रेट, भोपाल के द्वारा आरोपीगण कमलेश गुर्जर, कौशिक दुबे, बृजेश को धारा 420, 419, भादवि एवं 66सी आई टी एक्ट में दोषसिद्ध पाते हुये तीनों आरोपीगण को धारा 420, 419, भादवि में क्रमश: 2-2 वर्ष का साधारण कारावास एवं 2000-2000 रू अर्थदण्ड एवं धारा 66सी आई एक्ट में तीनों आरोपीगण को 2-2 वर्ष का साधारण कारावास एवं 10000- 10000रू का अर्थदण्ड से दण्डित का निर्णय पारित किया है ।
उक्त प्रकरण में शासन की ओर से सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती नीतू जैन द्वारा पैरवी की गई है।
घटना का संक्षिप्त विवरण :-
फरियादी बलवंत वर्मा परीक्षा नियंत्रक माध्यमिक शिक्षा मंण्डल मध्ययप्रदेश भोपाल द्वारा पुलिस आयुक्त अपराध भोपाल मध्यप्रदेश को एक लिखित आवेदन पत्र प्रस्तुत किया कि दिनांक 22/02/22 से दिनांक 04/03/2023 के बीच आरोपीगण के द्वारा माध्यमिक शिक्षा मंण्डल मध्य्प्रदेश भोपाल के लोगों का उपयोग कर ग्रुप बनाने वाली आई डी @kamlesh.ind.missrose.bot.@cleanrobot के द्वारा माध्यमिक शिक्षा मंण्डल मध्य प्रदेश भोपाल के लोगो का उपयोग कर टेलीग्राम पर फर्जी लिंक तैयार कर उस लिंक के माध्यम से मण्डल परीक्षाओं के प्रश्न पत्र उपलब्ध कराये जाने का दावा करते हुऐ छात्रों से भीम एप के माध्यम से पैसों की अवैध वसूली कर छल कारित किया तथा अपनी विशिष्ट पहचान को छुपाकर माध्यमिक शिक्षा मंण्डल मध्यप्रदेश भोपाल के लोगों का उपयोग कर माध्यमिक शिक्षा मंण्डल की अनन्य पहचान का उपयोग कपटपूर्वक एवं बैईमानी से किया।
उक्त घटना के आधार पर पुलिस थाना क्राईम ब्रांच भोपाल द्वारा अपराध क्रमांक 25/23 धारा 420, 419, भादवि 66सी, 66डी आई एक्ट का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया । सम्पूर्ण विवेचना उपरान्त2 अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया ।
माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन के साक्ष्य, वैज्ञानिक साक्ष्य, तकनीकी साक्ष्य एवं तर्को से सहमत होते हुऐ तीनों आरोपीगण को धारा 420, 419, भादवि में क्रमश: 2-2 वर्ष का साधारण कारावास एवं 2000- 2000 रू अर्थदण्ड एवं धारा 66सी आई एक्ट में तीनों आरोपीगण को 2-2 वर्ष का साधारण कारावास एवं 10000- 10000 रू का अर्थदण्ड से दण्डित का निर्णय पारित किया है ।