सरयू प्रसाद वैद्य अश्विनी कुमार हैं तो पंडित सूर्य प्रताप मिश्र किसी ऋषि से काम नहीं थे- रसिक पीठाधीश्वर -

पंडित सूर्य प्रताप मिश्र किसी ऋषि से काम नहीं थे -
 
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सरयू प्रसाद वैद्य अश्विनी कुमार हैं तो पंडित सूर्य प्रताप मिश्र किसी ऋषि से काम नहीं थे- रसिक पीठाधीश्वर -

हनुमना। नाड़ी विशेषज्ञ सरयू प्रसाद वैद्यजी देवताओं के वैद्य साक्षात अश्विनी कुमार है इनके अद्भुत नाड़ी ज्ञान व उत्कृष्ट आयुर्वेद चिकित्सा का सम्मान अवश्य होना चाहिए। वही  ब्रह्मलीन पंडित सूर्य प्रताप जी मिश्रा किसी ऋषि से काम नहीं थे जिन्होंने लगातार 65 वर्षों तक अंतिम सांस तक हनुमना में रामचरित मानस की त्रिवेणी बहाते रहे।

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 उपरोक्त बातें स्वामी माधवाचार्य जी महाराज की तपस्थली रामलीला मैदान हनुमना में चल रहे पंच दिवसीय ब्रह्मलीन पंडित सूर्य प्रताप मिश्र स्मृति अखिल भारतीय मानस सम्मेलन के मुख्य वक्ता श्री राम जन्मभूमि निर्माण न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत जन्मेजय शरण जी महाराज अयोध्या धाम ने चतुर्थ दिवस कि कथा में अपने अंतिम उद्बोधन में कहीं ।

इस अवसर पर पूज्य आचार्य श्री ने मानस में चार विवाहों की कथा सुनाते हुए कहां कि मानस में चार विवाहों की चर्चा आती है एक सीताराम जी का विवाह दूसरा शिवजी व पार्वती जी का विवाह तीसरा सूर्पनखा का विवाह तथा चौथा नारद जी का विवाह प्रभु श्री राम एवं भूत भवन शिव जी का विवाह तो निर्विघ्न संपन्न हुआ किंतु सूर्पनखा एवं नारद जी का विवाह नहीं हो पाया। 
 
यहां उल्लेखनीय है कि आयोजक हनुमत मानस सेवा समिति द्वारा विंध्य में जनसंघ के संस्थापक तथा लोकतंत्र सेनानी वरिष्ठ भाजपा नेता नाड़ी ज्ञान की साक्षात प्रतिमूर्ति कहे जाने वाले सरयू प्रसाद वैद्य को पूज्य रसिक पीठाधीश्वर एवं जस्टिस अरुण कुमार सिंह के कर कमलों द्वारा अभिनंदन पत्र भेंट कर साल ओढ़ाकर रुद्राक्ष की माला तथा काशी विश्वनाथजी का चित्रपट सौंप कर जहां विशेष सम्मान किया गया वही पूज्यपाद रसिक पीठाधीश्वर जन्मेजय शरण जी महाराज एवं जस्टिस अरुण सिंह का स्वामी माधवाचार्य श्री वैश्णव सेवा मंडल हनुमना द्वारा मंडल के अध्यक्ष वैद्यजी एवं पदाधिकारियों द्वारा शाल ओढाकर विशेष गजमाला द्वारा सम्मान किया गया। 

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संचालक तथा हनुमत मानस सेवा समिति के अध्यक्ष डॉ नवल किशोर मिश्रा ने कहाकि सरयू प्रसाद जी वैद्य भारत की ऐसी धरोहर है जिन्हे देश की अनेकानेक राजनीतिक सामाजिक व धार्मिक जगत से जुड़ी हस्तियों की समय समय पर नब्ज टटोलने व चिकित्सा करने का अवसर मिलता रहता है हमारी  आयोजन समिति आप का अभिनंदन व सम्मान कर आज अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रही है।

वही जस्टिस अरुण कुमार सिंह नेभी रामचरित मानस के अनेक प्रसंगों का उदाहरण देते हुए कहा कि यह मनुष्य शरीर पाकर भी अनेक लोग ऐसे होते हैं जो भगवान से दूर रह जाते हैं उनका जीवन व्यर्थ है मनुष्य तनपाकर  भी किसी पशु से कम नहीं कार्यक्रम को वाराणसी से पधारे मानस मर्मज्ञ राघव जी महाराज के चिरंजीव आषीष पांडे ने  हनुमत चरित्र के माध्यम से भगवान के दिव्या लीलाओं का वर्णन किया।

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तांत्रिक पीठाधीश्वर तथा अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय कोतवाल भैरव दास जी महाराज ने अपने सुमधुर भजनों के माध्यम से लोगों को मंत्र मुक्त कर दिया आकाशवाणी कथावाचक पंडित हरिशंकर अनुरागी मिर्जापुर नवोदित कथावाचक शौर्य कुमार तोमर मानस मर्मज्ञ सुरेंद्र रामायणी पन्ना पंडित राजराखन मिश्रा पंडित रामाश्रय शास्त्री एवं कविराज विनोद कुमार ने भी अपने उद्बोधन देते हुए मानस की त्रिवेणी में लोगों को गोता लगवाया । 

इस अवसर पर स्वामी माधवाचार्य श्री वैश्णव सेवा मंडल के प्रचार प्रमुख सम्पति दास गुप्ता ने कहां की यह स्वामी माधवाचार्य जी महाराज जैसे संत की तपस्थली है जिन्होंने भीष्म पितामह की भांति 7 दिनों से आवाज बंद होने के बावजूद माला पर मूल मंत्र का जाप सटक चला रहा और जब एकादशी लग गई 11:42 पर उसके बाद 1144 पर उन्होंने शरीर त्याग दुख भरी जिंदगगा था। ऊपर से उठाइश्वर जी महाराज हमारे पूज्य सद्गुरुदेव उत्तराखंड पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री कृष्ण आचार्य जी महाराज के परम सखा है इस नाते हम सभी हनुमान वासी उनमें पूज्य सद्गुरु देव जी का ही दर्शन करते हैं ।

 उच्च न्यायालय के अधिवक्ता प्रदीप कुमार सिंह एवं अधिवक्ता संतोष मिश्रा तथा हनुमना नगर परिषद अध्यक्ष आशुतोष उर्फ सोनू गुप्ता संबोधित करते हुए आयोजन समिति बार-बार धन्यवाद तथा संतों प्रति आभार जताया इस अवसर पर सीधी जिला न्यायालय केजस्टिस क्रमशः संजीव पांडे एवं जस्टिस गुजरे भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष श्रीमती संतोष सिंह सिसोदिया अधीक्षण यंत्री रीवा रामानंद सिंह प्रोफेसर आरपी सिंह उच्च न्यायालय के अधिवक्ता एवं धनंजय सिंह थाना प्रभारी हनुमना राम सिंह पटेल मुख्य नगर पालिका अधिकारी अरुण सिंह त्यागी कार्यक्रम संयोजक ज्योति गुप्ता पूर्व नगर परिषद उपाध्यक्ष मोहन लाल कचेर लवकुश गुप्ता संत मदन मुरारी ट्विंकल केसरी ओमप्रकाश गुप्त संजू केसरी जनार्दन दासगुप्त रविंद्र कुमार पांडे अंजनिया सेवा समिति के अध्यक्षअनूप कुमार रामकृष्ण गुप्त प्राचार्य कृष्ण चंद्र केसरवानी राधेश्याम गुप्त जितेंद्र केसरी रोहित केसरवानी केडी शुक्ला प्राचार्य आर आरर शुक्ला वीरेंद्र मिश्रा पिंटू तिवारी जितेंद्र तिवारी राजेश मिश्रा आदि आदि की उपस्थिति विशेष उल्लेखनीय रही।