अमरकंटक में प्रशिक्षण सह उत्पादन केन्द्र पुन: किया जाए प्रारंभ - मनोज द्विवेदी

कुटीर उद्योग से स्थानीय रोजगार में होगी वृद्धि
 
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अमरकंटक में प्रशिक्षण सह उत्पादन केन्द्र पुन: किया जाए प्रारंभ - मनोज द्विवेदी

अनूपपुर / 1980 के दशक में अमरकंटक मे प्रशिक्षण सह उत्पादन केन्द्र के माध्यम से जूट से टाट पट्टी, दरी, मोवा घांस तथा बांस के रेशे से दैनिक उपयोग की वस्तुएँ बनाई जाती थीं। जनजातीय विभाग द्वारा संचालित इस टीसीपीसी केन्द्र से बनी टाट पट्टी और दरियां स्कूलों , छात्रावासों, शासकीय - अशासकीय कार्यालयों में आपूर्ति की जाती थी । इस प्रशिक्षण सह उत्पादन केन्द्र में बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों को रोजगार प्राप्त था। बाद में अज्ञात कारणों से यह केन्द्र 90 के दशक में बंद कर दिया गया। अब जबकि श्री दिलीप जायसवाल के रुप मे जिले से प्रदेश को कुटीर उद्योग मंत्री प्राप्त हुए हैं ,तो उनके माध्यम से मुख्यमंत्री डा मोहन यादव से अमरकंटक स्थित टीसीपीसी केन्द्र पुन: संचालित करने की मांग की गयी है।

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प्राप्त जानकारी के अनुसार भाजपा नेता मनोज द्विवेदी ने मुख्यमंत्री डा मोहन यादव, मध्यप्रदेश शासन के कुटीर उद्योग मंत्री श्री दिलीप जायसवाल, सांसद श्रीमती हिमाद्री सिंह, कलेक्टर श्री आशीष वशिष्ठ का ध्यानाकर्षण करते हुए कहा है कि 
वर्षों से अमरकंटक स्थित प्रशिक्षण सह उत्पादन केन्द्र ( TCPC) संसाधनों के आभाव में बन्द है। आपके माध्यम से अल्प प्रयास से ही मप्र शासन इसे पुन: स्थापित करके लोगों को रोजगार दे सकती है। अनूपपुर जिला विकास मंच के माध्यम से मैं आपसे अमरकंटक में TCPC के इस केन्द्र को पुन: शुरु करने की मांग करता हूं । कृपया इसे शुरु करने की पहल करें।

श्री द्विवेदी ने अमरकंटक प्रशिक्षण सह उत्पादन केन्द्र बावत अपनी मांग को विस्तार देते हुए बतलाया कि अमरकंटक के बराती में इस केन्द्र की बिल्डिंग देख रेख के आभाव में जर्जर हो रही है। इसे रेनोवेट करके या इसी जगह नया भवन बना कर उसमें स्थानीय लोगों को स्थानीय उत्पादों से बनी वस्तुओं के निर्माण से जोडा जा सकता है।इसमे प्रमुख रुप से सरई और मोलाईन पत्तों से दोना - पत्तल निर्माण, मोवा घांस से रस्सी, झाडू, टोपी , मूढा ( बैठकी ) निर्माण, रेशम उत्पाद , बांस से जुड़े टोकरी, सूपा सहित अन्य उत्पाद,गोबर से गमले,गौ काष्ठ , अगरबत्ती, पेंट का निर्माण, अचार, पापड़ निर्माण, सफेद मिट्टी ( छूही ) से चाक निर्माण , आंवला चूर्ण, त्रिफला निर्माण , अर्जुन चूर्ण सहित काष्ठ कलाकृतियों के निर्माण का प्रशिक्षण और उत्पादन करके लोगों को आत्म निर्भर बनाया जा सकता है।

 श्री द्विवेदी ने मंत्री श्री दिलीप जायसवाल, सांसद श्रीमती हिमाद्री सिंह, कलेक्टर श्री आशीष वशिष्ठ के माध्यम से मुख्यमंत्री डा मोहन यादव से अमरकंटक को कुटीर उद्योग का हब बनाने की मांग की है। इसके माध्यम से बड़ी संख्या में स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार प्राप्त हो सकेगा।