करोड़ों के भ्रस्टाचार में डूबा स्कूलों का गणवेश निर्माण, जिम्मेदार मौन
करोड़ों के भ्रस्टाचार में डूबा स्कूलों का गणवेश निर्माण
Jul 13, 2023, 13:16 IST
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करोड़ों के भ्रस्टाचार में डूबा स्कूलों का गणवेश निर्माण, जिम्मेदार मौन
बार-बार होती रही गढ़बड़ी आजीविका मिशन के माध्यम से समूहों से गणवेश निर्माण करवाने की प्रक्रिया को सरकार ने बंद नहीं किया। लिहाजा आजीविका मिशन से ही गणवेश का खेल चलता रहा। आगे चलकर फिर समूहों के नाम पर गणवेश निर्माण की प्रक्रिया शुरू की गई। कहा जा रहा था कि आदेश जारी हो चुके हैं, समूहो का चयन हो चुका है गणवेश का निर्माण समय पर होगा और वितरण कर दिया जायेगा। किन्तु स्कूलों तक गणवेश नहीं पहुच पाये। कुल मिलाकर गणवेश निर्माण व वितरण को लेकर आजीविका मिशन बार बार लापरवाही करता चला गया क्योकि करोड़ों के बजट में कमीशनखोरी का खेल जारी रहा। स्थिति यह बनी कि स्कूलों को गणवेश समय पर नहीं पहुचे और वितरण नहीं हो पाये। आगे चलकर यह आदेश जारी हुये कि बच्चों को अब दो साल के गणवेश वितरित किये जायेंगे किन्तु इस बार भी गणवेश का निर्माण नहीं हो पाया।
सत्र बीत गया गणवेश नहीं मिले सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का सत्र बीत गया और नया सत्र प्रारंभ हो गया किन्तु दो जोड़ी गणवेश उन्हें नहीं मिल पाये। जो बच्चा कक्षा 8 में रहा होगा वह दो सालों में एवं १० वीं में पहुच गया होगा। इसी तरह से अन्य बच्चे भी अगली कक्षा में चले गये होंगे। उनकी साईज में भी परिवर्तन हो चुका होगा। ऐसी स्थिति में गणवेश का निर्माण यदि होता भी है तो उनके किसी काम का नहीं होगा करोड़ों रूपये गणवेश के नाम पर बेकार होना स्वाभाविक है। बावजूद इसके इस मामले में न तो सरकार ध्यान दे पा रही है और न ही राज्य शिक्षा केन्द्र। इसलिये गणवेश के नाम पर कमीशनखोरी हो रही है। बच्चों को गणवेश ब ना तो मिल नहीं पा रहे हैं अथवा मिल रहे हैं गुणवत्ता और साइज़ को लेकर लगातार सवाल उठ रहे है ।pariwartantv