लापरवाही: बाल संप्रेषण गृह से 8 नाबालिग फरार, जांट में जुटे अधिकारी - जाने सदस्य क्या कहा -

अपचारी तो ऐसे भी हैं जिन्हें साइबर हैकिंग की भी कई जानकारियां -
 
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बाल संप्रेषण गृह से 8 नाबालिग फरार, जांट में जुटे अधिकारी - जाने सदस्य क्या कहा -

सीकर के बाल संप्रेषण गृह से 2 दिन पहले 8 नाबालिगो के फरार होने की घटना के बाद राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य शिव भगवान नागा ने संप्रेषण गृह का निरीक्षण किया. इस दौरान आयोग सदस्य शिव भगवान ने वहां की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया. साथ ही संप्रेषण गृह के अधिकारियों और स्टाफ से भी चर्चा की. जिसमें कई कमियां सामने आई है. इसके साथ ही पता चला है कि घटना के बाद जब तलाशी ली गई. तो अपचारियों के कमरे से एक लोहे की रॉड भी मिली।

राज्य बाल आयोग के सदस्य शिवभगवान नागा ने बताया कि संप्रेषण गृह से 8 बाल अपचारी फरार हुए. जिसमें से पुलिस ने दो बाल अपचारियों को ढूंढ भी लिया. ऐसे में जिन कमियों के कारण ऐसी घटना हुई है. उनके कारणों के बारे में जानने के लिए आज निरीक्षण किया गया है. जिसमें गार्ड की कमी होना, काउंसलिंग टीम की कमी होना, एक ही भवन में बाल संप्रेषण और सुरक्षा गृह चलना, स्टाफ, अन्य जिले के बाल अपचारियों को सीकर शिफ्ट करना जैसी कई समस्याएं सामने आई है. नागा ने बताया कि इन समस्याओं के बारे में राज्य सरकार को अवगत करवाया जाएगा. पुलिस जांच के बाद पूरे मामले का खुलासा हो पाएगा।

बाल संप्रेषण गृह के अधीक्षक डॉ गार्गी शर्मा ने बताया कि सीकर के पालवास रोड पर बाल संप्रेषण गृह की बिल्डिंग में ही शिशु गृह, विशेष गृह और सुरक्षित गृह भी संचालित हो रहे हैं. लेकिन सुरक्षा के नाम पर केवल 6 गार्ड यहां नियुक्त किए गए हैं. जिसमें से हर 8 घंटे दो गार्ड की ड्यूटी लगी रहती है. डॉक्टर गार्गी शर्मा ने बताया कि भवन में पार्टीशन के लिए उन्हें विभाग की तरफ से बजट जारी किया गया है. जिसका उन्होंने एस्टीमेट तैयार कर कार्य शुरू करवाने के लिए पीडब्ल्यूडी को भी भेजा हुआ है. जिसके लिए टेंडर भी हो चुका है लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हो पाया है. वहीं कानून के अनुसार यहां रहने वाले सुरक्षा गार्डों को हथियार नहीं रखने दिया जाता है. संप्रेषण गृह की अधीक्षक गार्गी शर्मा ने बताया कि घटना के पहले एक मोबाइल भी जब्त किया गया था. अधीक्षक गार्गी शर्मा ने बताया कि वर्तमान में संप्रेषण गृह में पोक्सो, हत्या , चोरी जैसे मामलों के 16 अपचारी हैं. जिनमें कई अपचारी तो ऐसे भी हैं जिन्हें साइबर हैकिंग की भी कई जानकारियां हैं।

प्रदेश के कई जिलों में राज्य सरकार ने सेफ्टी होम भी शुरू किए हैं. लेकिन सीकर में यह सेफ्टी होम संप्रेषण गृह के साथ ही चलता है. ऐसे में आसपास के दूसरे जिलों के बाल अपचारियों को भी लाया जाता है. ऐसे में यहां बाल अपचारियों की संख्या बढ़ती है. कानून के अनुसार सजा होने तक कई बार बालिग हो जाने के बाद भी अपराधी को सेफ्टी होम में ही रखा जाता है. जिससे कि वह अन्य बाल अपचारियों के संपर्क में भी आते हैं. जिससे कि ऐसी घटनाओं का भी अंदेशा बना रहता है।