देश के करोड़ों लोगों को केंद्रीय बजट में लॉलीपॉप दिखाया गया ….

स्थाई रोजगार की व्यवस्था बनाए मोदी सरकार
 
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देश के करोड़ों लोगों को केंद्रीय बजट में लॉलीपॉप दिखाया गया ….

दिल्ली । देश में ग़रीबी और गरीबों की संख्या बढ़ती जा रही है वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण फरमा रहीं हैं कि गरीब कल्याण अन्न योजना को पांच साल के लिए बढ़ाया गया, जिससे 80 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ हुआ। 

ग्रामीण विकास, मनरेगा एवं पंचायती राज के लिए बजट मे कोई विशेष प्रावधान नहीं है। मोदी सरकार ने यदि लोगों को स्वावलंबी बनाया होता तो गरीबों की संख्यां घटने के साथ साथ समाज में गैर बराबरी भी कम होती और लोग इतनी बड़ी संख्या में 5 किलो अनाज के मोहताज नहीं होते। देश के चंद अमीरों के पास अपार धन - दौलत है जिसका नंग प्रदर्शन हो रहा है।

वहीं करोड़ों की संख्या में लोग दाने-दाने को मोहताज हैं। मोदी सरकार बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने की जगह कंपनी राज चलाना चाहती है। वित्त मंत्री कह रही हैं कि देश की 500 कंपनियों में एक करोड़ लोगों को 1 साल के लिए ₹5000 प्रतिमाह में इंटर्नशिप पर रखा जाएगा। मेरी दृष्टि में ₹5000 पाने के लिए लोगों को अपने घरों से दूर रहकर जो धन खर्च करना पड़ेगा वह उससे कहीं बहुत ज्यादा होगा। आगे क्या होगा इसका भी कुछ पता नहीं है।

 ऐसी योजना का लाभ बड़ी कंपनियों को होगा जिन्हें काफी सस्ते में पढ़े लिखे नौजवान उपलब्ध हो जाएंगे। सरकार के द्वारा इनकम टैक्स के स्टैंडर्ड डिडक्शन में 50000 की जगह 75000 की छूट देने और टैक्स स्लैब में मामूली बदलाव से लोगों को विशेष राहत नहीं मिलने वाली है। महंगाई इस कदर है कि बढ़ा हुआ वेतन भी लोगों की जरूरत पूरा नहीं कर पा रहा है। अधिक वेतन पर अधिक टैक्स भी चुकाना पड़ता है। सरकार के द्वारा लंबे समय बाद टैक्स में दी गई मामूली छूट ऊंट के मुंह में जीरा की कहावत को चरितार्थ कर रहा है। बजट की घोषणाएं लोगों को लॉलीपॉप थमाने जैसी हैं, इसका लाभ आम आदमी को कम , पूंजीवादी व्यवस्था को बहुत अधिक होगा। जयहिंद।

एस एस विजय मिश्र