सत्य अहिंसा के प्रतीक एवं ग्राम स्वराज के स्वप्नद्रस्टा बापू को शत शत नमन…

बापू को शत शत नमन…
 
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सत्य अहिंसा के प्रतीक एवं ग्राम स्वराज के स्वप्नद्रस्टा बापू को शत शत नमन…

दिल्ली। ऑल इंडिया पंचायत परिषद कार्य समिति एवं बलवंत राय मेहता पंचायती राज फ़ाउंडेशन तथा त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं की ओर से सत्य अहिंसा के पुजारी, ग्राम स्वराज के प्रबल पक्ष धर महात्मा गांधी की जन्म तिथि के अवसर पर अपनी भाव भीनी श्रद्धांजली अर्पित करता हूँ। बापू के ग्राम स्वराज के स्वप्न को साकार करने के लिए परिषद एवं ट्रस्ट , त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं को अधिकार सम्पन्न बनाने के लिए संकल्प कृत है । 

स्वतंत्रता से पूर्व एक बार गांधी जी से पूँछा गया कि उनके अनुसार भारत की सबसे बड़ी समस्या क्या है ? गांधी जी का उत्तर था बुद्धिजीवियों की उदासीनता। उनके समक्ष केवल उनकी अपनी समस्याएँ ही सदा महत्वपूर्ण बनी रहती हैं। उदाहरण - मैं कुलपति कैसे बनूँ? वह बन गया, मैं क्यों नहीं। मेरी पुस्तक पर ही पुरस्कार कैसे मिले ? इत्यादि मिले। यह उदासीनता आज़ादी के बाद देश को बहुत महँगी पड़ी है। चुनौती यह है कि नई पीढ़ी को सही मानवीय मूल्य देने का उत्तर दायित्व तो विद्वानों और आचार्यों का ही होता है। यदि यह वर्ग भी गांधी की इस प्रासंगिकता को समझ जाय भारत नई दिशा में अधिक तेज़ी से अग्रसर हो सकेगा, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति  सर्व भूते हिते रताः को जीवन में उतारने की दिशा में आगे बढ़ेगा। यह असम्भव नहीं है। गांधी जी भी यही चाहते थे।

आश्चर्य जनक एवं दुःखद है जिस बापू को अंग्रेजों ने वर्षों वरदास्त किया उन्हें आज़ाद हिंदुस्तान के सिर फिरे वर्ष भर भी बरदास्त नही कर सके और उनकी नृसंश हत्या करदी थी। महात्मा गांधी जी की हत्या पर प्रति क्रिया व्यक्त करते हुए तात्कालीन ब्रिटिश वायसराय लार्ड माउन्ट बेटन नेगांधी जी की हत्या पर लिखा था--" ब्रिटिश हुकुमत अपने काल पर्यन्त कलंक सेबच गई, आपकी हत्या आपके देश में आपके राज्य, आपके लोगों ने की है " यदि इतिहास आपका निष्पक्ष मूल्यांकन कर सका तो वो आपको ईसा और बुद्धकी कोटि में रखेगा। कोई कौम इतनी कृतघ्न और खुदगर्ज कैसे हो सकती है जो अपने पिता तुल्य मार्गदर्शक की छाती गोलियों से छलनी करदे। ये तो नृशंस बर्बर नरभक्षी कबीलों में भी नहीं होता है, और उस पर निर्लज्जता येकि हमें इस कृत्य का अफसोस तक नहीं है। 

आज विश्व जिन समस्याओं से जूझ रहा है, उन सबका समाधान महात्मा गांधी के चिंतन में विद्यमान है।
जयहिंद, जयपंचायती राज

शीतला शंकर विजय मिश्र
मुख्य महामंत्री,ऑल इंडिया पंचायत परिषद,न्यासी सचिव
बलवंत राय मेहता पंचायती राज संस्थान, दिल्ली