भालचंद मुठभेड़ की जांच कराने सुप्रीम कोर्ट गए विधायक,इलाहाबाद हाईकोर्ट में होगी सुनवाई

चित्रकूट,सतना विगत 31 मार्च 2021 को भालचन्द्र यादव निवासी ग्राम पड़वनिया थाना मझगवां सतना को उत्तर प्रदेश पुलिस व यूपी एसटीएफ ने गौरी यादव गैंग के सदस्य बताते हुए मुठभेड़ में मार गिराया था। इसके बाद से ही भालचन्द्र यादव के स्वजन इस पूरे एनकाउंटर को फर्जी करार दे रहे हैं। इस माममें में चित्रकूट The post भालचंद मुठभेड़ की जांच कराने सुप्रीम कोर्ट गए विधायक,इलाहाबाद हाईकोर्ट में होगी सुनवाई first appeared on saharasamachar.com.
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भालचंद मुठभेड़ की जांच कराने सुप्रीम कोर्ट गए विधायक,इलाहाबाद हाईकोर्ट में होगी सुनवाई

चित्रकूट,सतना

विगत 31 मार्च 2021 को भालचन्द्र यादव निवासी ग्राम पड़वनिया थाना मझगवां सतना को उत्तर प्रदेश पुलिस व यूपी एसटीएफ ने गौरी यादव गैंग के सदस्य बताते हुए मुठभेड़ में मार गिराया था। इसके बाद से ही भालचन्द्र यादव के स्वजन इस पूरे एनकाउंटर को फर्जी करार दे रहे हैं। इस माममें में चित्रकूट विधायक नीलांशू चतुर्वेदी भी लगातार स्वजनों के पक्ष में हैं जिन्होंने यूपी पुलिस व यूपी एसटीएफ पर फर्जी एनकाउंटर करने का आरोप लगाते हुए पूरे मामले सीबीआइ जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जहां से सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हाईकोर्ट की शरण में जाने कहा है। इसके बाद विधायक ने इलाहाबाद हाइकोर्ट में याचिका दायर कर दी है।

विधायक का यह है आरोप

भालचंद मुठभेड़ की जांच कराने सुप्रीम कोर्ट गए विधायक,इलाहाबाद हाईकोर्ट में होगी सुनवाई

विधायक ने कहा है कि यूपी एसटीएफ और यूपी पुलिस ने मेरे क्षेत्र में रहने वाले भालचंद्र यादव की मुठभेड़ के नाम नाम पर निर्मम कर दी थी और नियम विरुद्ध बिना परिजनों के पुलिस द्वारा परिजनों को शव नहीं दिया जा रहा था और मृतक को परिजनों के बिना ही अंतिम संस्कार करने में लगे थे चूंकि यह ग्राम पंचायत पडवनिया मेरे विधानसभा क्षेत्र में आती है, और इसलिए मौके में पहुंचकर परिजनों को शव दिलवाया और शव की हालत देखकर ऐसा प्रतीत हुआ कि मृतक के साथ बर्बरता की की गई फिर उसकी निर्मम हत्या की गई, शरीर के ऊपरी भाग ही नही शरीर के प्राइवेट भाग में भी गम्भीर चोटें थी। परिजनों की व्यथा एवं तराई के गांवों में पुलिस की इस कार्रवाई के बाद फैले इस फर्जी एनकाउंटर की दहशत से लोगों में भय व्याप्त हो गया जिससे लोग पलायन की बात करने लगे।

मां की भी नहीं सुनी पुलिस ने

विधायक का कहना है कि मैंने मृतक भालचन्द्र यादव के बारे में जानकारी ली एवं दस्तावेज एकत्रित करना शुरू किया, इसी दौरान मुझे यह जानकारी भी प्राप्त हुई कि मृतक भालचन्द्र की पत्नी घटना की एफआईआर दर्ज करवाने के लिए लगातार भटकती रही लेकिन उसकी एफआईआर दर्ज नहीं की गई। इसके बाद मैंने 09 अप्रैल 2021 को उच्चतम न्यायालय के समक्ष एक जनहित याचिका सीबीआई जांच के लिए दायर की। परंतु कोरोन वैश्विक महामारी के चलते माननीय न्यायमूर्ति की पीठ उपलब्ध नहीं हो पाई है। इसके लिए मैंने सात बार त्वरित सुनवाई के द्वारा उच्चतम न्यायालय से प्रार्थना की। हर सम्भव प्रयास करने के बाद यह याचिका 01 जुलाई 2021 की उच्चतम न्यायालय में लगी है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा यह गंभीर विषय

विधायक ने याचिका का हवाला देते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय ने शुरूआत में ही सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से कहा कि बहुत ही गम्भीर विषय है। इसमें उच्चतम न्यायालय ने यह प्रस्तावित किया कि याचिकाकर्ता को पहले माननीय उच्च न्यायालय के समझ न्याय की प्रार्थना करनी चाहिए तब उच्चतम न्यायालय आए तो बेहतर होता। उच्चतम न्यायालय ने इस तथ्य को भी संज्ञान में लिया है यह अपराध मध्य प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश दोनों राज्यों के क्षेत्राधिकार में हुआ है तथा याची दोनों राज्यों की उच्च न्यायालय में से किसी एक में फिर से याचिका दायर कर सकता है। अतः माननीय उच्चतम न्यायालय ने याचिकाकर्ता से पूछा कि वह किस उच्च न्यायालय जाना चाहेगा चूंकि इस अपराध में उत्तर प्रदेश पुलिस और यूपी एसटीएफ मुख्य किरदार में है। जिसके बाद विधायक ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष याचिका डालने का निर्णय लिया। इसके लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भालचंद्र की पत्नी भी मौजूद रहीं। विधायक ने बताया कि सोमवार को उच्च न्यायालय इलाहाबाद के समक्ष याचिका दायर कर दी है गई है ताकि जल्द से जल्द भालचन्द्र यादव और उसके परिवार को न्याय मिल सके।

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