स्वच्छ भारत मिशन 2.0 : ऑपरेशनल गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करें नगरीय निकाय, जनिये...

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स्वच्छ भारत मिशन 2.0 : ऑपरेशनल गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करें नगरीय निकाय
बिलासपुर | न्यूज़ डेस्क | केन्द्र सरकार ने देश भर में स्वच्छ भारत मिशन शहरी क्षेत्र और अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन शुरू किए हैं। दोनों योजनाओं के तहत जारी ऑपरेशनल गाइड लाइन का कड़ाई से पालन करने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अवर सचिव ने सभी निकायों को हिदायत दी है। जिसके तहत कचरा मुक्त शहरी और सुरक्षित पेयजल की व्यवस्था दुरूस्त रखने के निर्देश दिए गए हैं।
दोनों योजनाओं के दूसरे चरण के शुरू होने के बाद नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अवर सचिव राकेश साहू ने प्रदेश के सभी नगरीय निकाय प्रभारियों को आदेश जारी कर योजना पर सही दिशा में ईमानदारी से काम करने कहा है। जारी पत्र में अवर सचिव ने कहा है कि केन्द्र सरकार ने राज्यों को स्वच्छ भारत मिशन के तहत दूसरे चरण का काम शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के तहत सभी शहरों को कचरा मुक्त और पानी सुरक्षित व स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था लोगों के लिए करना अनिवार्य है। देशभर में दोनों प्रोजेक्ट पर अलग-अलग राशि खर्च होगी, जिसमें स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के लिए 1.41 लाख करोड़ रुपये और अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन 2.0 के लिए 2.87 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
आदेश में अवर सचिव ने कहा है कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत सबसे पहले नगरीय निकाय भूरे औश्र काले पानी के ट्रीटमेंट की व्यवस्था करेंगे। इसके साथ ही प्रोजेक्ट के तहत शहरी और निकायों में खुले में शौचमुक्त और एक लाख से कम आबादी वाले लोगों को खुले में शौच मुक्त बनाने पर विशेष रूप से काम किया जाएगा।
स्वच्छ भारत मिशन प्रोजेक्ट के तहत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम का सभी निकायों को कड़ाई से पालना करना है। कचरे का (रिडूस, रीयूज़, रीसाइकल) के सिद्धांतों का उपयोग कर सभी निकाय ठोस कचरे का वैज्ञानिक प्रसंस्करण और प्रभावी ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए विरासत डंपसाइट का उपचार करेंगे।
अवर सचिव ने गाइडलाइन के अनुसार शहरी निकायों के सभी घरों में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही सीवर या सेप्टेज कनेक्शन पर भी काम करने के निर्देश दिए हैं। अमृत मिशन के तहत पेयजल व्यवस्था दुरूस्त करने और सतह व भूजल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए जल प्रबंधन पर अलग-अलग प्रोजेक्ट पर काम करना जरूरी है।