छत्‍तीसगढ़: भ्रष्‍टाचार की नई मिसाल! प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने दो मकान ‘चोरी’, पुलिस में शिकायत

[ad_1] दो हितग्राही लल्ली रौतेल (Lalli Rautel) और उषा रौतेल के प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने दो पक्के मकान गायब हो गए हैं. (सांकेतिक फोटो) भ्रष्ट अधिकारियों ने प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Gramin Awas Yojna) के तहत स्वीकृत दो आवासीय जमीन पर मकान बने बिना ही उसे पूर्ण बताकर पैसे निकाल लिए. पेंड्रा. The post छत्तीसगढ़: भ्रष्टाचार की नई मिसाल! प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने दो मकान ‘चोरी’, पुलिस में शिकायत first appeared on saharasamachar.com.
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छत्‍तीसगढ़: भ्रष्‍टाचार की नई मिसाल! प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने दो मकान ‘चोरी’, पुलिस में शिकायत

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छत्‍तीसगढ़: भ्रष्‍टाचार की नई मिसाल! प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने दो मकान 'चोरी', पुलिस में शिकायत

दो हितग्राही लल्ली रौतेल (Lalli Rautel) और उषा रौतेल के प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने दो पक्के मकान गायब हो गए हैं. (सांकेतिक फोटो)

भ्रष्ट अधिकारियों ने प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Gramin Awas Yojna) के तहत स्वीकृत दो आवासीय जमीन पर मकान बने बिना ही उसे पूर्ण बताकर पैसे निकाल लिए.

पेंड्रा. छत्तीसगढ़ के पेंड्रा जनपद (Pendra District) में भ्रष्टाचार का एक नया कारनामा सामने आया है. जनपद कार्यालय से महज 200 मीटर की दूरी पर रहने वाले दो गरीब तबके के लाभार्थियों के प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (Pradhan Mantri Gramin Awas Yojna) के तहत बने घर चोरी हो गए. मकान की ‘चोरी’ होने की शिकायत पर प्रशासन और पुलिस के अधिकारी कार्रवाई की बात कह रहे हैं. दरअसल, लल्ली रौतेल और उषा रौतेल के प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने दो पक्के मकान गायब हो गए हैं. या यूं कहें कि चोरी कर लिए गए हैं. अब आप सोचेंगे कि यह कारनामा हुआ कैसे?

दरअसल, यह कारनामा जनपद के भ्रष्ट अधिकारियों की देन है, जिन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्वीकृत दो आवासीय जमीन पर मकान बने बिना ही उसे पूर्ण बताकर पैसे निकाल लिए. दोनों हितग्राहियों को इसका पता भी नहीं चला कि उनके नाम पर आवास स्वीकृत है. वे दोनों तो खुद ही दूसरे के कच्चे मकान में किराए पर रह रहे थे. लल्‍ली और उषा के पास उनकी खुद की जमीन नहीं थी, जिस पर वह अपना आवास बनवा सकते थे. ऐसे में जनपद के अधिकारियों ने इसका फायदा उठाते हुए उन्हें उनके पुराने घर के सामने खड़े करके उनकी शुरुआती फोटो ली और जियो टैगिंग भी कर दी. उसके बाद न तो कभी आवास के लिए पंचायत से जमीन आवंटित की गई और न ही आवास बना. फर्जी फोटो और फर्जी जियो टैगिंग व फर्जी खाते खुलवा कर पूरे पैसे डकार लिए गए. अब जब लाभार्थियों को इस बात का पता चला कि उनके नाम से प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुआ था और बनकर कागजों में पूरा भी हो गया तो उन्होंने इसकी शिकायत थाने में कर दी. शिकायत में कहा कि उनका बना हुआ मकान चोरी हो गया है.

पंचायत सरकारी जमीन आवंटित करेगी
दरअसल, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तय की गई गाइडलाइन में यह प्रावधान है कि जिस हितग्राही की जमीन नहीं है या वह भूमिहीन है तो उसके लिए पंचायत सरकारी जमीन आवंटित करेगी, जिस पर उसका आवास बनेगा. मामले पर पेंड्रा थाने के जांच अधिकारी का कहना है कि शिकायत आई है जो भी अधिकारी कर्मचारी दोषी होंगे सब पर कार्रवाई की जाएगी.कलेक्‍टर ने मंगाई रिपोर्ट
जनपद पंचायत कितना लापरवाह है, इसका अंदाजा जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के इस बयान से ही लगता है कि उन्हें इस मामले की जानकारी ही नहीं है. हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा कि जांच के बाद हितग्राही को मकान दिलाने के लिए कार्रवाई करेंगे. वहीं, मामले पर कलेक्टर का कहना है कि यह जानकारी उनके संज्ञान में है. उन्‍होंने इस पूरे मामले की जांच रिपोर्ट मंगाई है. साथ ही हितग्राही को आवास मिले इस दिशा में पहले काम किया जाएगा. दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी होगी.

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