हाई कोर्ट ने रीवा में प्रभारी कमिश्नर मामले में जवाब के लिए दिया समय

जबलपुर,मध्यप्रदेश
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने रीवा में प्रभारी संभागायुक्त के अलावा अतिरिक्त,संयुक्त व उपायुक्त के पदों पर स्थायी अधिकारी न होने के मामले में राज्य शासन को जवाब के लिए समय दे दिया। अगली सुनवाई 26 जुलाई वाले सप्ताह में निर्धारित की गई है। न्यायमूर्ति विशाल धगट की एकलपीठ के समक्ष मामला सुनवाई के लिए लगा। इस दौरान याचिकाकर्ता रीवा निवासी राकेश द्विवेदी की ओर से अधिवक्ता संजय वर्मा,श्रद्धा तिवारी व मीना वर्मा ने पक्ष रखा।
राजस्व प्रकरणों की अपीलों का अंबार लग गया : उन्होंने दलील दी कि रीवा संभाग में स्थायी संभागायुक्त का अभाव है। यही नहीं? अतिरिक्त, संयुक्त व उपायुक्त के पद भी प्रभारियों के भरोसे चल रहे हैं। इस वजह से राजस्व प्रकरणों की अपीलों का अंबार लग गया है। कायदे से किसी वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को संभागायुक्त बनाया जाना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं? किया गया। कोविड काल की शुरुआत से लेकर अब तक पूरा रीवा संभाग हलकान है। राजस्व के मामलों को लेकर जनता परेशान है। पूर्व में हाई कोर्ट ने यह पता करने के निर्देश दिए थे कि वाकई पद रिक्त हैं या नहीं ? इसके बाद सरकार की ओर से साफ कर दिया गया है कि प्रभारियों के भरोसे कार्य चल रहा है। साथ ही स्थायी संभागायुक्त सहित अन्य अधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है।
हाई कोर्ट के आदेश के उल्लंघन का आरोप : नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने कहा है कि आयुक्त लोकशिक्षण ने 29 जून, 2021 को आदेश जारी कर निजी स्कूलों को 10 प्रतिशत फीस वृद्धि की छूट प्रदान की है। वहीं हाई कोर्ट से स्पष्ट है कि ट्यूशन फीस के अतिरिक्त कोई अन्य फीस या वृद्धि तब तक नहीं की जाएगी, जब तक भारत सरकार द्वारा कोरोना महामारी को समाप्त घोषित नहीं कर दिया जाता है, या फिर स्कूलों में भौतिक रूप से कक्षाएं शुरू नहीं हो जाती है। मंच के प्रांताध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे और आरटीआइ एक्टिविस्ट रजत भार्गव ने स्कूल शिक्षा और लोकशिक्षण को नोटिस भेजकर कहा है कि अभी न तो कोरोना महामारी समाप्त हुई, ना ही भौतिक तौर पर कक्षाएं चालू की हैं। इसलिए फीस वृद्धि का आदेश निरस्त किया जाए। नोटिस में कहा गया है कि इस मामले में हाई कोर्ट के आदेश का पालन किया जाए। आदेश का पालन नहीं होने पर हाई कोर्ट में फिर से याचिका दायर की जाएगी। उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट में नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने कोरोना काल में निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वसूली के खिलाफ जनहित याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने चार नवंबर, 2020 को कोरोना काल में केवल ट्यूशन फीस वसूलने का आदेश दिया था।
The post हाई कोर्ट ने रीवा में प्रभारी कमिश्नर मामले में जवाब के लिए दिया समय first appeared on saharasamachar.com.