गेहूं और धान का परिवहन करने वालों को एडवांस में दिए जाते रहे चेक,कलेक्टर से हुई थी शिकायत -

नॉन और विपणन अधिकारियों ने शासन को पहुंचाई क्षति -
 
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File photo

गेहूं और धान का परिवहन करने वालों को एडवांस में दिए जाते रहे चेक,कलेक्टर से हुई थी शिकायत -

रीवा। नागरिक आपूर्ति निगम एवं विपणन के अधिकारियों ने गेहूं और धान का परिवहन करने वालों को आर्थिक लाभ पहुंचाने के चक्कर में शासन को करोड़ों रुपए की चपत पहुंचाई। परिवहनकर्ताओं से ऐसी सांठ-गांठ की गई थी कि उन्हें एडवांस में चेक दिए जाते रहे। इसकी पूर्व में शिकायत हो चुकी है। दोषी के खिलाफ कार्रवाई को लेकर शुक्रवार को फिर कलेक्टर से शिकायत की गई है। रीवा जिले में उपार्जित धान एवं गेहूं के परिवहन मे नागरिक आपूर्ति निगम एवं विपणन के भी अधिकारियों की भूमिका रही है।

 परिवहन कर्ताओं द्वारा मिलकर वास्तविक दूरी में हेर-फेर कर परिवहनकर्ताओं को आर्थिक लाभ पहुंचाया गया है। वर्ष 2021 में हुई जांच में अभी 10 करोड़ का घोटाला सामने आया है। अगर वर्ष 2014 से इसकी जांच की जाए तो 50 करोड़ तक पहुंच जाएगा अरूण सिंह ने कलेक्टर को जो शिकायती पत्र दिया है उसमें उन्होंने बताया है कि जिला नागरिक आपूर्ति निगम व जिला विपणन कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार के चलते लेखाधिकारी एवं अन्य कर्मचारियों ने मिलकर बिना काम किए ही परिवहनकर्ता सुरेश मिश्रा को 2.25 करोड़ का भुगतान किया। 

वर्ष 2019-20 में परिवहन का कार्य देवेश मिश्रा के नाम से था तो सुरेश मिश्रा के नाम से बिल लेना उस बिल को विभाग के पोर्टल पर लोड करना एवं बिल प्रस्तुत करने का काम वहां के कर्मचारियों का था। यहां के कर्मचारियों ने गड़बड़ी की इसलिए बिना काम के उक्त राशि परिवहनकर्ता को मिली अधिकारियों के साथ दोषी कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने का पत्र अरूण सिंह ने कलेक्टर को दिया। जानकारी के मुताबिक इस पूरे प्रकरण में अब राजनीतिक दबाव भी सामने आया है। परिवहन कर्ताओं की वसूली रुकी हुई है। जिला प्रबंधक संजय सिंह को स्थानांतरित किया जा चुका है। उनकी जगह पंकज बोरसे को जिला प्रबंधक रीवा बनाया गया है।