कोर्ट का फैसला: नाबालिग से दुष्कृत्य करने पर 10 वर्ष का कठोर कारावास की सजा

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कोर्ट का फैसला,नाबालिग से दुष्कृत्य करने पर 10 वर्ष का कठोर कारावास की सजा
पन्ना। कार्यालय-जिला लोक अभियोजन अधिकारी,जिला-पन्ना के मी.प्र./सहा.जि.लो. अभि.अधि.,ऋषिकांत द्विवेदी द्वारा बताया गया कि-
अभियोक्त्री/पीडिता के पिता ने थाना कोत.में उपस्थित होकर इस आशय की रिपोर्ट किया कि,दिनांक 10.11.2016 को रात खाना पीना खाकर वह खेत पर पानी लगाने चला गया था मेरे पास करीब पौने एक बजे फोन गांव के एक व्यक्ति का फोन आया तो बोला बच्ची घर में है या नहीं तब मैंने अपने भाई को फोन से पूछा की घर जाकर पता करो बच्ची घर में है कि नहीं, तब भाई द्वारा घर जाकर देखा और बताया कि, बच्ची/अभियोक्त्री घर में नहीं है कही चली गई है तब सभी ने खोज तलाश की पर कही पता नहीं चला। फरियादी की उक्त रिपोर्ट पर थाना-कोतवाली में अपराध क्र. 0650/16 में धारा 363 भा.द.वि. पर अपराध पंजीबद्ध किया गया।
विेवेचना दौरान पीडिता एवं अन्य गवाहों के कथनो के आधार पर धारा 376(2)एन, 366क, भा.द.सं. एवं 5(एल)/6 लै.अप.से बा.का सं.अधि.के अंतर्गत अपराध धारा का इजाफा कर बाद विवेचना चालान माननीय न्यायालय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
प्रकरण का विचारण, न्यायालय श्रीमान विशेष न्यायाधीश (पाक्सों) पन्ना के न्यायालय मे हुआ। शासन की ओर से प्रकरण की पैरवी करते हुये श्री दिनेश खरे,प्रभारी जि.लो.अभि.अधि. पन्ना, द्वारा साक्षियों की साक्ष्य को विन्दुवार तरीके से न्यायालय के समक्ष लेखबद्ध कराकर आरोपी के विरूद्ध अपराध संदेह से परे प्रमाणित किया गया तथा आरोपी के कृत्य को गंभीरतम अपराध मानते हुये माननीय न्यायालय से अधिकतम दंड से दंडित किये जाने का निवेदन किया। जिस पर माननीय न्यायालय द्वारा अभिलेख पर आई साक्ष्यों, अभियोजन के तर्को तथा न्यायिक-दृष्टांतो से सहमत होते हुए अभियुक्त भोला उपाध्याय उर्फ गोलू, को धारा 363 भा.द.वि. में 03 वर्ष का कठोर कारावास एवं 01 हजार रूपये का अर्थदण्ड,धारा 366क भा.द.वि. 05 वर्ष का कठोर कारावास एवं 1 हजार रूपये का अर्थदण्ड एव धारा 376 (2) (एन) भा.द.सं.के अन्तर्गत अपराध का दोषी पाते हुये 10 वर्ष के कठोर कारावास एवं 10 हजार रूपये अर्थदण्ड, से दंडित किया।